
Purchased wheat in MP: mixing old and non-standard new wheat
जबलपुर। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के अंतिम दौर में मिलावट का खेल तेज हो गया है। खरीदी केंद्रों पर अमानक गेहूं खरीदने के साथ सड़ा और पुराना गेहूं मिलाकर भंडारण के प्रकरण सामने आने लगे हैं। कोरोना कफ्र्यू के कारण अभी ज्यादातर अधिकारी कानून व्यवस्था में लगे हैं। ऐसे में खरीदी केंद्रों की ज्यादा जांच भी नहीं हुई हैं। इस अवसर का फायदा खरीदी करने वाली समितियां उठाने में लगी हैं। अभी पाटन क्षेत्र में ऐसी गड़बडिय़ां सामने आई हैं। इस साल गेहूं की बम्फर पैदावार जिले में हुई है। इसलिए अब तक लगभग 5 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हो गई है। यह आंकड़ा पिछले कुछ वर्षों में सर्वाधिक है। पिछली बार धान की खरीदी में व्यापक स्तर पर राजस्व अधिकारी एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों ने जांच की थी।
काला गेहूं मिला था मौके पर
पाटन में वृहत्ताकार सेवा सहकारी संस्था के खरीदी केंद्र नुनसर एक में सड़ा हुआ काले रंग का गेहूं अच्छे गेहूं में मिलाया जा रहा था। 26 मई को पाटन तहसीलदार प्रमोद चतुर्वेदी ने इस केंद्र का निरीक्षण किया तब यह गड़बड़ी सामने आई। गेहूं की गुणवत्ता बेहद खराब थी, उसमें दुर्गन्ध आ रही थी। इस पर खरीदी प्रभारी गंदर्भ सिंह को तहसीलदार ने नोटिस भी दिया। इससे पहले खाद्य विभाग की जांच में 25 मई को पाटन एसडीएम ने वृहत्ताकार सेवा सहकारी संस्था पाटन-2 के केंद्र प्रभारी महेंद्र ओखले एवं समिति प्रबंधक ओमकार यादव को नोटिस भेजा था। इस केंद्र में 1528 क्विंटल से ज्यादा अमानक गेहूं खरीदा गया था।
सेल्समैन का वायरल हुआ था ऑडियो
अमानक गेहूं खरीदी के साथ किसानों से अवैध रूप से तुलाई तक के पैसे भी वसूले जाते है। इस पर अभी तक कोई लगाम नहीं लग पाइ है। हाल में पनागर के छतरपुर स्थित एक खरीदी केंद्र के सेल्समैन का ऑडियो वायरल हुआ था। वह एक किसान से गेहूं की तुलाई एवं सिलाई के लिए प्रति क्विंटल 30 रुपए मांग रहा था।
अमानक गेहूं खरीदी के मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को खरीदी केंद्रों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। पाटन के प्रकरणों के मामले में तहसीलदार के प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
- राजेश बाथम, अपर कलेक्टर
Updated on:
28 May 2021 01:53 pm
Published on:
28 May 2021 01:52 pm
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