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जर्जर नहरों में भरेगा बारिश का पानी, बढेंग़ी किसानों की मुश्किलें

लॉकडाउन में वापस घर लौटे मजदूर, नहीं हो पाया सब माइनर नहरों की मरम्मत का काम

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Rain water will fill in shabby canals, problems of farmers will increase

Rain water will fill in shabby canals, problems of farmers will increase

जबलपुर. सिहोरा. सिहोरा-मझौली तहसील की माइनर और सब माइनर नहरों में इस वर्ष बारिश का पानी भरने से किसानों की मुश्किलें और बढऩे वाली हैं। लॉकडाउन के चलते नहरों में काम करने वाले दूसरे प्रदेशों के मजदूर वापस लौट गए हैं। ऐसे में नहरों की मरम्मत का काम अधर में लटक गया है। विभाग के अधिकारी भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि अब इस सीजन में नहरों के मरम्मत का काम नहीं हो पाएगा। वैसे तो नहरों की मरम्मत के टेंडर मार्च में ही हो गए थे, लेकिन मार्च के आखिरी सप्ताह अप्रैल और मई माह में मजदूरों के नहीं मिलने से नहर की मरम्मत का काम पूरी तरह ठप पड़ा रहा।

जानकारी के मुताबिक नर्मदा विकास संभाग-4 के अंतर्गत आने वाली मझौली शाखा नहर और उसकी वितरण प्रणाली की माइनर और सब माइनर नहरों की मरम्मत के टेंडर हो गए थे। मार्च के शुरुआती महीने में ठेकेदारों ने मरम्मत का काम शुरू भी कर दिया था, लेकिन लॉकडाउन के बाद ठेकेदारों ने मजदूरों से काम कराना बंद कर दिया। दो माह बीतने के बाद 10 से 15त्न ही काम पूरा हो सका है।

खरीफ सीजन में पानी को तरसेंगे किसान
नहरों का पेंचवर्क काम नहीं होने से खरीफ सीजन में जब किसानों को पानी की सबसे ज्यादा आवश्यकता होगी, तब जर्जर और खस्ताहाल हो चुकी लहरों से पानी ही नहीं मिल पाएगा। माइनर और सब मायना नेहरों की बात की जाए तो सिहोरा और मझौली तहसील के करीब 300 से अधिक गांव इन्हीं नहरों पर आश्रित रहते हैं।

वितरण शाखाओं का भी काम अधूरा
माइनर और सब माइनर नहरों के अलावा कई वितरण शाखाएं इस वर्ष हुई बारिश में टूट-फूट गई हैं। गंजताल माइनर, खुड़ावल माइनर और जौली मेन कैनाल जगह-जगह टूट-फूट चुकी है। ऐसे में इन नहरों के मेंटेनेंस का काम अधूरा पड़ा है।

इन नहरों के पेंचवर्क का काम अटका
नहर-लम्बाई-मरम्मत-राशि
पहरेवा-बरौदा-5 किमी-1.50 करोड़
बरौदा-लमकना-5 किमी-1.75 करोड़
पहरेवा-बघेली-24 किमी-08 करोड़

नेहरों के मरम्मत के लिए टेंडर की प्रक्रिया फरवरी में ही पूरी हो गई थी और कई केकेदारों ने काम भी शुरू कर दिया था। लॉकडाउन के कारण अधिकतर बाहर से आने वाले मजदूर लौट गए हैं, जिसके कारण ठेकेदारों के पास मजदूर नहीं होने से काम बंद पड़ा है। अब नहरों की मरम्मत और दूसरे काम अगले सीजन में ही हो पाएंगे।
एम के ढिमोले, कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास संभाग क्रमांक-4