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हरियाली अमावस्या पर 25 साल बाद रवि पुष्य व शिववास योग, इनको होगा सीधा फायदा

Hariyali Amavasya : सावन महीने की अमावस्या तिथि पर हरियाली अमावस्या मनाई जाती है। इस दिन लोग पूजा पाठ, पितृ तर्पण, दान के साथ ही पेड़-पौधे लगाते हैं और पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लेते हैं।

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Hariyali Amavasya

Hariyali Amavasya : सावन महीने की अमावस्या तिथि पर हरियाली अमावस्या मनाई जाती है। इस दिन लोग पूजा पाठ, पितृ तर्पण, दान के साथ ही पेड़-पौधे लगाते हैं और पर्यावरण की रक्षा का संकल्प लेते हैं।इसे पर्यावरण संरक्षण और हरियाली के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। इस वर्ष हरियाली अमावस्या 24 जुलाई को मनाई जाएगी।

Hariyali Amavasya : कई मंगलकारी योगों का संयोग

ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार हरियाली अमावस्या पर 25 वर्ष बाद रवि पुष्य व दुर्लभ शिववास योग सहित कई मंगलकारी योगों का संयोग बन रहा है। इस संयोग में हरियाली अमावस्या पर पूजन अति शुभकारी माना जा रहा है। सावन की अमावस्या के चलते इस दिन पितृ तर्पण भी किया जाएगा। वहीं इस शुभ अवसर पर सामाजिक संगठन भी वृहद स्तर पर पौधरोपण की तैयारी कर रहे हैं।

Hariyali Amavasya : ये शुभ योग बन रहे

इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर कई शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिर्विद शुक्ला के अनुसार हरियाली अमावस्या पर 25 वर्ष बाद रवि पुष्य योग, अमृतसिद्धि योग, हर्षण और शिववास योग का शुभ संयोग बन रहा है। रवि पुष्य योग दिन भर है। समापन 25 जुलाई को सुबह 05.39 बजे होगा। हर्षण योग का शुभ संयोग सुबह 09.51 बजे तक है। अमृत सिद्धि योग का योग दिन भर है और समापन 25 जुलाई को सुबह 05.39 बजे होगा। शिववास योग दिन भर रहेगा।

Hariyali Amavasya : पूजन के शुभ मुहूर्त

हरियाली अमावस्या के दिन पूजन के लिए शुभ ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.15 बजे से 04.57 बजे तक विजय मुहूर्त, दोपहर 02.44 बजे से 03.39 बजे तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 07.17 बजे से 07.38 बजे तक व निशिता मुहूर्त रात्रि 12.07 बजे से 12.48 बजे तक रहेगा।

Hariyali Amavasya : पेड़ों की होगी पूजा

हिंदू परपरा में पेड़-पौधों को भगवान के रूप में भी दर्शाया गया है। इसलिए लोग हरियाली अमावस्या के दौरान उनकी पूजा करेंगे। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने की प्रथा भी है। हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाना बहुत शुभ माना जाता है। विद्वानों का कहना है कि हरियाली अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण देना और दान-पुण्य करना भी बहुत उपयोगी होता है। इस दिन लोग बड़ी संया में पौधे लगाएंगे। ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला ने बताया कि सावन के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 24 जुलाई को देर रात 02.28 बजे से होगी। वहीं 25 जुलाई को देर रात 12.40 बजे अमावस्या तिथि का समापन होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसलिए उदयातिथि के अनुसार हरियाली अमावस्या का पर्व 24 जुलाई को मनाया जाएगा।