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RDVV : तीन जस्टिस, दो आईएएस और एक आईपीएस रह चुके हैं आरडीवीवी के कुलपति

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय को शहर की पहचान में रूप में भी देखा जाता है। कुलपति चयन में समृद्ध परम्परा का निर्वाह होता रहा है। विवि के 63 साल के इतिहास में 29 कुलपति बागडोर सम्भाल चुके हैं। इनमें से 19 पूर्णकालिक और कुछ कार्यवाहक कुलपति भी रहे।

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Rani Durgavati University Jabalpur

Rani Durgavati University Jabalpur

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय को शहर की पहचान में रूप में भी देखा जाता है। कुलपति चयन में समृद्ध परम्परा का निर्वाह होता रहा है। विवि के 63 साल के इतिहास में 29 कुलपति बागडोर सम्भाल चुके हैं। इनमें से 19 पूर्णकालिक और कुछ कार्यवाहक कुलपति भी रहे। कुछ ऐसे भी थे जिन्हें दोबारा विश्वविद्यालय में काम करने का मौका मिला। वर्तमान कुलपति प्रो. कपिलदेव मिश्र 29वें कुलपति के रूप में दोबारा कुर्सी सम्भालेंगे।

पं. कुंजीलाल दुबे थे पहले कुलपति
पद्मभूषण पं. कुंजीलाल दुबे विवि के पहले कुलपति थे। सन् 1957 से लेकर 1961 तक उन्होंने कुलविवि की कुर्सी सम्भाली। वे मप्र विधानसभा के पहले स्पीकर भी थे। विश्वविद्यालय को स्थापित करने के लिए उन्होंने देशभर से विद्वानों को बुलाया।

नए विभाग खुलवाए
आईएएस कांति चौधरी को बेहतरीन प्रशासक के रूप में जाना जाता है। इन्होंने टीचिंग स्टाफ बढ़ाया और स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स के लिए कई डिपार्टमेंट भी खोले। विवि की ग्रांट बढ़ाकर उसे आर्थिक रूप से सक्षम बनाया।

प्रो. एचपी दीक्षित को विश्वविद्यालय में इनोवेटिव प्रोजेक्ट लाने का श्रेय दिया जाता है। रिसर्च प्रोजेक्टों को विवि लाने, प्राध्यापकों भर्ती करने के लिए भी जाना जाता है। आईएएस अरुण गुर्टू के कार्यकाल के दौरान विश्वविद्यालय में गजब का अनुशासन कायम हुआ। वे पहले एडीजे पुलिस थे।

साइंस को बढ़ावा
डॉ. शिवप्रसाद कोष्टा वैज्ञानिक थे। वे इसरो में प्रमुख तकनीकी अधिकारी थे। प्रथम भारतीय सेटेलाइट प्रोजेक्ट आर्यभट्ट में इन्होंने योगदान दिया। विश्वविद्यालय में साइंस के प्रति छात्रों में रुचि बढ़ाने, पाठ्यक्रम शुरू करने, तकनीकी उपकरण लाने में प्रमुख योगदान रहा।


पहचान दिलाई
प्रो. जेपी शुक्ला ने विवि का नाम देशभर में रोशन किया। वे अखिल भारतीय दर्शन शास्त्र परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। दर्शनशास्त्र के रूप में विश्वविद्यालय की पहचान बनाई। वे आचार्य रजनीश के क्लासमेट भी थे। रादुविवि का कार्यक्षेत्र नरसिंहपुर, मंडला, सिवनी, बालाघाट तक किया।

ये जस्टिस बने कुलपति
- जस्टिस वीआर सेन : जुलाई 1962 से 2 मार्च 1964
- जस्टिस टीसी श्रीवास्तव : 27 जून 1964 से 11 जनवरी 1965
- जस्टिस गुलाब गुप्ता : 1 जनवरी 2003 से 10 मार्च 2004

ये रहे आईएएस/ आईपीएस
- आरएस नायडू, 25 जनवरी से 1975 से 9 फरवरी 1976
- कांति लाल चौधरी, 10 फर. से 1976 से 31 मई 1982
- अरुण गुर्टू आईपीएस, 21 मई 2001 से 15 अगस्त 2002