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बारिश में जर्जर हुई सड़कों का नहीं हुआ निर्माण, उड़ रहे धूल के गुबार

कोरोना संक्रमण के बीच बढ़ा खतरा  

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Dust flares, allergies and asthma patients increased after rain

Dust flares, allergies and asthma patients increased after rain

सितंबर में प्रदूषण
- 46 था पीएम 10 का स्तर जिले में
- 113 था पीएम 10 का स्तर नगर में 28 सितंबर को
हवा में मौजूद अन्य कंटेंट
- 90 पीएम 2.5
- 26 नाइट्रोजन ऑक्साइड
- 12 सल्फर ऑक्साइड
- 46 कार्बन डाय ऑक्साइड
- 80 ओजोन
- 04 अमोनिया
ऐसे समझें प्रदूषण का स्तर
हवा में पीएम 10 की मौजूदगी के अनुसार (नुकसान)
- 00-50 : अच्छा
- 51-100 : संतोषजनक (संवेदनशील लोगों को सांस में थोड़ी तकलीफ)
- 101-200 : मध्यम(अस्थमा, हृदय व फेफड़े की बीमारी से पीडि़तों को समस्या)
- 201-300 : पुअर (ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ)
- 301-400 : वेरी पुअर (श्वसन तंत्र से संबंधित बीमारी होना)
- 401-500 : खतरनाक (गम्भीर बीमारियों का खतरा)
(नोट : प्रदूषण माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर में)

जबलपुर। बरसात में जर्जर हुई जबलपुर शहर की सड़कें पैचवर्क के लायक भी नहीं बची हैं। इसके बाद भी उनका नए सिरे से निर्माण नहीं हो रहा है। जिन सड़कों पर काम शुरू हुआ था, वह खुदाई से आगे नहीं बढ़ सका। सड़कों पर धूल का गुबार उठने से नगर में पीएम का स्तर जिले की तुुलना में दोगुने से अधिक हो गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) की गाइड लाइन के अनुसार पीएम 10 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा होने पर अस्थमा, हृदय रोग व फे फड़ों की बीमारी से पीडि़त लोगों को समस्या हो सकती है। विशेषज्ञों का भी कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान हवा में धूल के कण बढऩा खतरनाक हो सकता है। इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन सड़कों का निर्माण कराने के बजाय फं डनहीं होने की बात कहकर जिम्मेदारी से पीछे हट रहा है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सामने डिवाइडर के एक ओर की सड़क की खुदाई कर काम बंद कर दिया गया है। एक ओर से सड़क बंद होने से वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। नगर में फ्लाईओवर, स्मार्ट सड़क, पानी की पाइप लाइन व सीवर लाइन बिछाने का काम जारी है। पानी का छिड़काव नहीं होने से निर्माण स्थलों के आसपास हर समय धूल का गुबार छाया रहता है।