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बेखौफ हैं रेत माफिया, अवैध खनन पर नहीं लग पा रहा अंकुश

जबलपुर में कार्रवाई बेअसर, ललपुर, बेलखेड़ा और सिहोरा में आए दिन आ रहीं शिकायतें

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Bandhavgarh Tiger Reserve, Buffer Zone, Mafia, Sand, Sensitive Zone

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जबलपुर। खनिज विभाग की कार्रवाई के बाद भी जिले में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। खनिज विभाग जबलपुर के ललपुर में रेत के अवैध उत्खनन की शिकायतें मिलने पर कुछ दिनों के अंतराल में दो बार दबिश देकर नावों को जब्त कर चुका है। इसके बावजूद रेत की चोरी करने वाले सक्रिय हैं। शहपुरा और बेलखेड़ा के आसपास नदी में मशीनों से रेत निकालने शिकायतें आए दिन आती हैं। ग्राम सिलुआ (गौर) में रेत की चोरी से किसान परेशान हैं।
47 स्वीकृत खदानें
जिले में रेत की 47 खदानें स्वीकृत हैं। बंद खदानों और उनके आस-पास रेत के अवैध उत्खनन की शिकायतें आ रही हैं। खनिज विभाग की टीम ने राजस्व विभाग के अमले के साथ दिसंबर 2020 में ग्राम पावला जुगपुरा में नर्मदा नदी से रेत की अवैध खुदाई करते हुए दो पोकलेन मशीन और एक हजार घन मीटर से ज्यादा रेत जब्त किया था। इसके बाद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। हाल ही में गोटेगांव और जबलपुर की सीमा पर स्थित बरमकुंड घाट से भी रेत के अवैध उत्खनन का मामला सामने आया था। जबलपुर और नरसिंहपुर का खनिज विभाग एक-दूसरे की सीमा में अवैध खनन की बात कहकर कार्रवाई को टालता रहा। जिला खनिज विभाग ने प्रशासन को दिए प्रतिवेदन में कहा है कि मशीनों के उपयोग पर नियंत्रण के लिए अमले को निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। खनिज विभाग ने अप्रैल 2020 से अब तक रेत, अन्य खनिजों की चोरी, अवैध परिवहन और भंडारण के 115 प्रकरण दर्ज किए हैं। इनमें से 90 से अधिक का निराकरण कर 21 लाख 80 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया है।