जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने डिंडोरी जिले में बैगा आदिवासियों के लिए आवास और कैटल शेड के निर्माण में घोटाले का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर संजीदगी दिखाई है। जस्टिस राजेंद्र मेनन व जस्टिस एके श्रीवास्तव की युगलपीठ ने डिंडोरी कलेक्टर, समनापुर जनपद पंचायत सीईओ, करंजिया जनपद पंचायत सीईओ, प्रोजेक्ट एडमिनिस्ट्रेटर बैगा विक ास अधिकरण डिंडोरी को नोटिस जारी कर मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है।
ये है आरोप
डिंडोरी जिले के निवासी चेतराम राजपूत ने याचिका दायर की है। कहा गया है कि 2010-11 में संरक्षण सह विकास योजना के तहत बैगा जनजाति के आदिवासियों के आवास के साथ उनके पशुओं के लिए केटल शेड निर्माण के प्रयोजन से भी राशि स्वीकृत की गई। इस राशि को अफसरों ने सांठगांठ कर डकार लिया। गरीब बैगाओं को न तो आवास मिले और न ही उनके पशुओं के लिए कैटल शेड बन सके। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेश चंद व अंजना कुररिया ने कोर्ट को बताया कि इस अनियमिता के चलते सरकार को करीब 14 लाख रुपए का चूना लगा। इसकी शिकायत कलेक्टर सहित तमाम आला अफसरों से की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सरकार को भी मिल चुका है नोटिस
याचिका की पूर्व सुनवाई पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किए गए थे। कोर्ट को बताया गया कि उक्त जानकारी आरटीआई के माध्यम से मिली है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अन्य अनावेदकों को भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।