
shani jayanti key totke in hindi
शनिदेव की पूजा विधि -
शनिचरी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है, परंतु इस दिन शनिदेव का पूजन विधि-विधान से करना चाहिए। यदि सिद्ध विधि से पूजा की जाए तो अवश्य ही लाभ मिलता है। शनिवार सुबह स्नान आदि नित्य कर्मों से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद काले पत्थर से बनी शनिदेव की प्रतिमा के सामने शनि मंत्र का जप करें।
शनि मंत्र- 'ॐ शं शनैश्चराय नम:
इस मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें। मंत्र जप के समय शनिदेव को तेल अर्पित करते रहना चाहिए। इसके बाद तेल के दीपक से आरती करें और सुख-समृद्धि की कामना करें।
दान पुण्य -
यदि काली गाय दान करने की क्षमता नहीं है तो काली गाय के निमित्त चारा दान करें या किसी गौशाला में जाकर काली गाय के महीने या सालभर के चारे के निमित्त भी धन दिया जा सकता है।
इसी तरह कोई भी काला वस्त्र (कंबल हो तो उत्तम), काली उड़द की दाल, काले तिल, काले चमड़े का जूता या चप्पल, नमक, सरसों का तेल या अनाज का दान भी किया जा सकता है। ध्यान रहे कि लोहे के बर्तन में चावल भरकर दान करें। ध्यान रहे कि शनि का दान शनिवार की शाम को श्रेष्ठ माना गया है। यह भी ध्यान रखें कि किसी जरूरतमंद व्यक्ति को ही दान दें। इसके अलावा सरसों का तेल, फूल, व तेल से बने पकवानों का भी दान दिया जा सकता है।
Published on:
13 May 2018 02:07 pm
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