
Shiva Temple
Shiva Temple : सावन मास में शिवालयों में प्रतिदिन सुबह से ही ॐ नम: शिवाय की गूंज सुनाई देती है। यह गूंज सुबह से रात तक श्रद्धालुओं के कानों में भक्ति रस घोलती है। यहां के मंदिर अपनी भव्यता और प्राचीनता के लिए विशेष रूप से पहचाने जाते हैं। कुछ मंदिरों का इतिहास पुराणों में भी मिलता है। यही वजह है कि शिव के प्राचीन मंदिरों में इन दिनों शिवभक्तों का तांता लग रहा है। एक ऐसा ही शिवालय मेडिकल कॉलेज के समीप भगवान बद्री नारायण शिखर स्थित केदारेश्वर महादेव का है। यहां गुफा में विराजे बाबा भोलेनाथ आस्था के प्रमुख केंद्र हैं। पूरे सावन मास यहां विराजमान स्वयंभू केदारेश्वर महादेव का शृंगार और महाभिषेक किया जाता है।
मंदिर में पूजन पाठ करने आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि इस पवित्र स्थल से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यहां पूजन पाठ करने से अलग ही अनुभूति मिलती है। शांत वातावारण होने कारण यहां ध्यान लगाने भी शिव भक्त पहुंचते हैं।
यहां केदारेश्वर शिवलिंग भी स्वयं प्रकट हुए हैं। मंदिर में लगभग 80 फीट लम्बी गुफा है। जो मानव निर्मित नहीं, बल्कि प्राकृतिक है। कहा यह भी जाता है कि माता सीता की खोज के समय भगवान राम और लक्ष्मण इस पवित्र स्थल पर आए थे। तब उन्होंने अपने आराध्य केदारेश्वर महादेव का पूजन अर्चन किया था। पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है। सावन के महीने में यहां पूजन करने के लिए विशेष तौर पर भक्त आते हैं। यह शिवालय ऊंचाई पर है। ऐसे में यहां से शहर का नजारा अद्भुत लगता है।
Shiva Temple : हर रोज होता है महाभिषेक
इस प्राचीन मंदिर में रोजाना महादेव का जलाभिषेक किया जाता है। इस पवित्र स्थल का संचालन और प्रबंधन वर्ष 1958 से किया जा रहा है। यहां प्रतिदिन सुबह 5 से 8 बजे तक भोलेनाथ का शिव भक्तों द्वारा महाभिषेक किया जाता है। इसके अलावा यहां साल भर आयोजन होते हैं।
Shiva Temple : पुराणों में मिलता है उल्लेख
मंदिर की प्रबंधन समिति के महामंत्री एचपी तिवारी ने बताया कि यह शिवधाम प्राचीन है। पुराणों में इस मंदिर का उल्लेख मिलता है। उन्होंने बताया कि मंदिर में साधना करने शिवभक्त दूर दराज से आते हैं।
Updated on:
02 Aug 2024 05:30 pm
Published on:
02 Aug 2024 05:26 pm
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