
सूर्य ग्रहण 2018
जबलपुर। साल 2017 अपने अंतिम दिनों में पहुंच गया है। नया साल २०१८ आने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं। साल २०१८ में खगोलीय घटनाओं को लेकर अभी से लोगों में उत्सुकता देखी जा रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य और चंद्र ग्रहण को लेकर उत्सुकता के साथ भ्रम भी रहता है। वर्ष 2018 में दो चंद्रग्रहण और तीन सूर्यग्रहण होंगे। जिनमें भारत में केवल चंद्रग्रहण को ही देखा जा सकेगा। वहीं सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे।
31 जनवरी को पहला ग्रहण
साल का सबसे पहला ग्रहण ३१ जनवरी को होगा। ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार खग्रास चंद्रग्रहण 31 जनवरी को पहला ग्रहण चंद्रग्रहण होगा। माघ शुक्ल पूर्णिमा के दिन होने वाला यह ग्रहण खग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह पूरे भारत में दिखाई देगा। ग्रहण शाम को पांच बजकर 18 मिनट पर प्रारम्भ होगा, जो कि रात आठ बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण की कुल अवधि तीन घंटे 24 मिनट होगी। पूर्वी भारत, असम, नागालैंड, मिजोरम, सिक्किम तथा बंगाल के पूर्वी क्षेत्र में ग्रहण प्रारम्भ होने के पहले ही चंद्रोदय हो जाएगा। इसलिए इन प्रदेशों में खग्रास रूप में चंद्रग्रहण पूरा दिखाई देगा।
जुलाई में दूसरा चंद्रग्रहण
ज्योतिषाचार्य संदीप कृष्ण शास्त्री के अनुसार दूसरा चंद्रग्रहण 27-28 जुलाई 2018 आषाढ़ पूर्णिमा के दिन होगा। ग्रहण रात में 11 बजकर 54 मिनट पर प्रारम्भ होकर तीन बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण की कुल अवधि तीन घंटा 55 मिनट होगी। यह खग्रास चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ाए श्रवण नक्षत्र तथा मकर राशि में होगा। जिनका जन्म इन नक्षत्र और मकर राशि व मकर लग्न में हुआ है उनके लिए कष्टप्रद रहेगा। मेष, सिंह, वृश्चिक, मीन राशि व लग्न वालों के लिए श्रेष्ठ। वृषभ, कर्क, कन्या व धनु राशि वालों के लिए मध्यम फलप्रद। मिथुन, तुला, मकर व कुंभ के लिए कष्टप्रद रहेगा।
तीन सूर्यग्रहण भारत में नहीं देंगे दिखाई
फाल्गुन कृष्ण अमावस्या गुरुवार दिनांक 15 फरवरी 2018
आषाढ़ कृष्ण अमावस्या शनिवार दिनांक 13 जुलाई 2018
पौष कृष्ण अमावस्या शनिवार दिनांक 11 अगस्त 2018
इन नियमों का पालन जरूरी
वर्ष में तीन सूर्यग्रहण होंगे जो भारत में दिखाई नहीं देंगे। फाल्गुन, कृष्ण, अमावस्या 15 फरवरी आषाढ़ कृष्ण अमावस्या। शनिवार 13 जुलाई पौष कृष्ण अमावस्या एवं शनिवार 11 अगस्त को, यह बात ध्यान रखें सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण के समय अशुभराशि वाले रोगी एवं गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के समय धार्मिक मनुष्य ईश्वर आराधना, मंत्र जाप, संकीर्तन करना चाहिए। ग्रहण के दौरान खाद्यान्न दूषित हो जाते हैं। इसलिए पर्व काल के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। ग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व खाने पीने की वस्तुएं। पके भोजन दूध दही घी मक्खन, अचार पीने के पानी तेल आदि में कुशा या तुलसी पत्र डाल देना चाहिए। इससे ये दूषित नहीं होते।
Published on:
08 Dec 2017 02:55 pm
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