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आतंकियों से बचने सैनिकों को मिला ताकतवर ‘सुरक्षा कवच’

वीएफजे से सीआरपीएफ को मिली बुलेट पूफ बस, दुश्मन की कायराना फायरिंग का नहीं होगा असर।

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जबलपुर. आतंकी और नक्सलियों के छिपकर किए गए हमलों से बचने के लिए जवानों को सुरक्षा कवच मिल गया है। सीआरपीएफ के ऑर्डर पर वीकल फैक्ट्री जबलपुर (VFJ) ने बुलेट प्रूफ मिनी बस तैयार की है। यह पहला मौका है, जब टाटा 406 के अलावा किसी दूसरी बस पर बुलेट पूफिंग की गई है। इसका एक प्रोटोटाइप हाल ही में सीआरपीएफ को सौंपा गया है। आने वाले समय में सौ से ज्यादा बसें तैयार होंगी।

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान अभी गंतव्य तक पहुंचने के लिए ज्यादातर मौकों पर साधारण बसों का उपयोग करते हैं। कई बार दुश्मन कायराना तरीके से जवानों पर गोलीबारी कर देते हैं। इससे बचाव के लिए बुलेट प्रूफ वाहन तैयार कराया गया है। बुलेट प्रूफिंग के काम में महारथ प्राप्त वीएफजे को यह काम दिया गया है। बहुत कम समय में एक वाहन तैयार कर महाप्रबंधक अतुल गुप्ता ने हाल ही में सीआरपीएफ के सुपुर्द किया।

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कारतूस नहीं करगा असर
वीएफजे को सीआरपीएफ की ओर से एक निजी कंपनी की मिनी बस दी गई थी। उसका पुराना ढांचा अलग कर बुलेट प्रूफ शीट लगाई गई। इस शीट की खासियत है कि किसी भी प्रकार की बंदूक से की गई फायरिंग का इस पर असर नहीं होता। ऐसे में बस के भीतर बैठे सुरक्षाबल सुरक्षित रहेंगे। कांच और टायर बुलेटप्रूफ तकनीक से लैस हैं।

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यह खाशियत
- बस का पूरा ढांचा बुलेट पूफ।
- 100 से ज्यादा बसों का ऑर्डर।
- 10 से अधिक सैनिक होंगे सवार।
- कारतूस का वार झेलने में सक्षम।
- जवाबी फायरिंग के लिए पोर्ट।
- बीएस-4 और बीएस-6 तकनीक से लैस।
- करीब 100 बीएचपी का इंजन।

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बीएस-6 का बड़ा ऑर्डर
वीएफजे के पास बस की बुलेट पूफिंग का बड़ा ऑर्डर है। सौ से अधिक बसें तैयार करनी हैं। शुरू में बीएस-4 बसें बनाई जाएंगी। इसके बाद बीएस-6 बस तैयार होगी। आकार में छोटी होने के कारण यह आसानी से जरूरत वाली जगह पर पहुंच सकेगी। इसमें 10 से अधिक जवानों के लिए जगह है। वीएफजे जनसमपर्क अधिकारी राजीव कुमार नेबताया कि सीआरपीएफ के लिए मिनी बस पर बुलेट पूफिंग की गई है। इसका एक प्रोटोटाइप तैयार कर सुपुर्द कर दिया गया है। जल्द ही तय संख्या में उपलब्ध कराई गई बसों की बुलेट प्रूफिंग की प्रक्रिया पूरी कीजाएगी।

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