
soya hua bhagya kaise jagayen - devguru bhrispati
जबलपुर। नवग्रहों में बृहस्पति को देवगुरु का दर्जा दिया गया है। देवगुरु बृहस्पति जीवन में भाग्य के कारक कहे जाते हैं। वैसे तो गुरु देव नवग्रहों में सबसे शुभ रहते हैं और अधिकांश लोगों को शुभफल ही देते हैं पर कुछ स्थितियों में अशुभ भी हो जाते हंैं। गुरु की अशुभता के कारण भाग्य का साथ नहीं मिल पाता. यदि कुंडली में गुरु अस्त हों, शत्रु स्थान में हो, कमजोर हों, अशुभ स्थिति में हों, अकारक हों, बाधक हों तो भाग्य रूठा रहता है। पैसों से जुड़ी परेशानियां भी सामने आती रहती हंैं।
पंडित जनार्दन शुक्ला बताते हैं कि सोया हुआ भाग्य जगाने और पैसों की कमी दूर करने के लिए देवगुरु बृहस्पति की कृपा जरूरी है। उनकी प्रसन्नता के लिए गुरु देव के सरल मंत्रों का जाप करना चाहिए। विष्णुजी और ब्रह़माजी की पूजा से भी देवगुरु प्रसन्न होते हैं। हर गुरुवार को विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें और संभव हो तो पुष्कर जाकर भगवान ब्रह्मा का दर्शन और पूजन करें। इससे भाग्य प्रबल होगा। गुरुवार को विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु के मंत्र - ऊँ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्। का जाप करें .भगवान विष्णु को तुलसी दल विशेष प्रिय है। तुलसी दल अर्पित करें घी का दीपक जलाएं। नेवैद्य अर्पित करें। आरती करें। आरती के पश्चात् परिक्रमा करें।
पंडित दीपक दीक्षित के अनुसार भाग्य का साथ पाने के लिए बृहस्पतिजी के मंत्र जाप सबसे प्रभावी सिद्ध होते हैं। सरल मंत्र - ऊँ बृं बृहस्पतये नम: - का जाप करें। गुुरुवार को सुबह स्नान के बाद विधिवत विष्णुपूजन करें, बृहस्पति देव की भी पूजा करें और फिर ये मंत्र जाप शुरु करें। इस मंत्र के 19 हजार जाप 40 दिनों में पूरे करें। इसके लिए रोज आपको करीब आधा घंटे मंत्र जाप करना होगा। पूरी श्रद्धा से नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप पूरे होने के बाद आपको इसका परिणाम खुद महसूस होने लगेगा। हो सके तो रोज यह मंत्र जाप करें। आपको जीवनभर कभी भी पैसों की तंगी नहीं होगी।
Published on:
27 Sept 2018 10:16 am
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