शहर के कई हिस्सों में निगम की स्ट्रीट लाइट अभी लगी ही नहीं हैं। नए वार्डों की तरफ तो निगम ध्यान ही नहीं दे रहा है। वहीं, तकरीबन आधे शहर में दिन में भी स्ट्रीट लाइट जलती रहती हैं। इसकी वजह से हर महीने निगम को लाखों रुपए की चपत लग रही है। निगम की स्ट्रीट लाइट बुझाने की जिम्मेदारी कई जगह एमपीईएसबी को सौंपी गई है। बिजली विभाग के कर्मचारी अक्सर लाइट बंद करना और जलाना भूल जाते हैं। शनिवार को मदन महल से मेडिकल रोड पर दिन में भी स्ट्रीट लाइट जल रही थी। इसी तरह शांतिनगर, त्रिमूर्तिनगर में भी दिन में स्ट्रीट लाइट जलती रहती है। वहीं, बीटी तिराहे से गुलौआ चौक तक स्ट्रीट लाइट लगी है, लेकिन यह कई दिनों से बंद है। रात में यहां घुप अंधेरा रहता है। धनवंतरी नगर, अधारताल क्षेत्र में कई प्रमुख मार्गों पर दिन में भी स्ट्रीट लाइट जलती रहती है।