वहीं, ग्रामीण वृत्त के अधीक्षण अभियंता एके पांडे ने बताया कि एेसे डिफाल्टरों पर कार्रवाई की जा रही है, जो दो से तीन साल से बकाया नहीं जमा कर रहे हैं। स्टोन क्रेशर या अन्य व्यावसायिक उपभोक्ताओं की खपत अधिक होने की वजह से डिमांड राशि अधिक दिखती है, लेकिन वे नियमित रूप से बिल का भुगतान कर रहे हैं।