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एमपी में कर्मचारियों, अधिकारियों की संपत्ति पर कड़ा फैसला, नए आदेश से मचा हड़कंप

Strict order on property of employees and officers in MP मध्यप्रदेश में राजधानी भोपाल में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर मिली अकूत संपत्ति की खबर देख सुनकर हर कोई हैरान है।

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Strict order on property of employees and officers in MP

Strict order on property of employees and officers in MP

मध्यप्रदेश में राजधानी भोपाल में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर मिली अकूत संपत्ति की खबर देख सुनकर हर कोई हैरान है। इससे सरकार की भी खासी किरकिरी हो रही है। ऐसे में प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों की संपत्ति पर कड़ा फैसला लेते हुए आदेश जारी किया गया है जिससे हड़कंप मच गया है। आदेश में सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी हर हाल में 31 जनवरी तक सार्वजनिक करने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। जबलपुर नगर निगम JABALPUR MUNICIPAL CORPORATION द्वारा जारी इस आदेश ने कर्मचारियों, अधिकारियों के होश उड़ा दिए हैं।

मध्यप्रदेश में सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को हर साल अपनी संपत्ति की जानकारी देना अनिवार्य है हालांकि इसपर अमल नहीं किया जाता। इस संबंध में सन 2010 में आदेश जारी किया गया था लेकिन इसका कहीं भी पालन नहीं किया जा रहा है। जबलपुर नगर निगम के भी यही हाल हैं। निगम की वेबसाइट पर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की संपत्ति की जानकारी प्रदर्शित नहीं की गई है।

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जबलपुर नगर निगम की डिप्टी कमिश्नर रचयिता अवस्थी ने इस पर सख्ती दिखाई है। उन्होंने निगम के सभी कर्मचारियों से अपनी संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने को कहा है। डिप्टी कमिश्नर रचयिता अवस्थी ने इस संबंध में बाकायदा आदेश जारी कर दिया है। उनका कहना है कि नियमानुसार संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक करने का प्रावधान है। यदि इस सरकारी आदेश को कोई कर्मचारी नहीं मान रहा तो विधिवत कार्रवाई की जा सकती है।

नगर निगम की स्थापना शाखा की उप आयुक्त रचयिता अवस्थी का पत्र जारी होते ही कर्मचारियों, अधिकारियों के होश
उड़ गए। जबलपुर नगर निगम में करीब 3500 स्थाई कर्मचारी अधिकारी हैं। इसके अलावा लगभग इतने ही संविदा या अस्थाई कर्मचारी भी हैं।

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कानूनन हर कर्मचारी को नौकरी की जॉइनिंग के समय अपनी संपत्ति की जानकारी देनी होती है। इसके बाद वह जो भी संपत्ति खरीदता है उसकी जानकारी भी हर साल विभाग को देना अनिवार्य होता है।

बता दें कि सन 2010 में मध्यप्रदेश में सभी सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी हर साल में सार्वजनिक करने को कहा गया था। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रदीप खरे द्वारा इस संबंध में सभी विभागों को पत्र जारी किया गया था। इसके लिए बाकायदा एक फॉर्मेट बनाया गया था। कर्मचारियों, अधिकारियों को पोर्टल पर अपनी अचल संपत्ति की जानकारी देकर इसकी बाकायदा लिंक जारी करने को कहा गया था।