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news सरप्राइज चैक करने आवेदक बना भेजा, फिर फीडबैक

शुरू की गई है हेल्प डेस्क

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जबलपुर, हेल्प डेस्क का काम कैसा है, आवेदकों को किस तरह से जानकारियां प्रदान की जा रही हैं और आवेदकों को इसके प्रति क्या रिस्पांस है, इसकी पता लगाने के लिए पहले ही दिन हेल्प डेस्क में सरप्राइज चैक किया गया। आरटीओ संतोष पॉल ने पांच सामान्य लोगों को अलग-अलग समय पर हेल्प डेस्क में भेजा और विभिन्न जानकारियां एकत्रित करने को कहा। उक्त लोग आवेदक बनकर हेल्प डेस्क में पहुंचे और जानकारियां लीं। जिसके बाद आरटीओ ने उक्त लोगों से फीडबैक लिया। इतना ही नहीं हेल्प डेस्क पहुंचे सामान्य आवेदकों से भी बातचीत कर फीडबैक लिया गया।
पहला दिन एक नजर में
लाइसेंस संबंधी जानकारी लेने पहुंचे आवेदक:- 27
फिटनेस संबंधी जानकारी लेने पहुंचे आवेदक:- 09
रजिस्ट्रेशन लेप्स होने के बाद की प्रक्रिया की जानकारी लेने पहुंचे आवेदक:- 02
टैक्स जमा करने संबंधी जानकारी लेने पहुंचे आवेदक:- 15
आवेदकों को दी पूरी जानकारी
पहले दिन सोमवार को हेल्प डेस्क में 50 से अधिक आवेदक पहुंचे। आवेदकों द्वारा पूछे गए प्रत्येक सवाल और चाही गई प्रत्येक जानकारी हेल्प डेस्क में तैनात कर्मचारियों द्वारा उपलब्ध कराई गई। वहीं जिन आवेदकों की फाइलें लंबित थीं, उन्हें यह भी बताया गया कि किस विभाग में और किस दस्तावेज की कमी के चलते उनकी फाइल रूकी हुई है। परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने प्रदेश के सभी आरटीओ कार्यालयो में हेल्प डेस्क खोले जाने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद पहली हेल्प डेस्क जबलपुर स्थित कार्यालय में खोली गई।
शनिवार को हुआ शुभारंभ
लाइसेंस बनवाना हो या फिर वाहन का रजिस्ट्रेशन करना हो या फिर परिवहन विभाग से जुड़ा कोई और काम हो, इसकी संपूर्ण जानकारी अब एक जगह मिलेगी। इतना ही नहीं आवेदक को कौन से दस्तावेज देने हैं और उसका काम किस विभाग के पास है, इसकी जानकारी भी मुहैया कराई जाएगी। यह सारी जानकारियां आरटीओ कार्यालय में बनाई गई हेल्प डेस्क से प्रदान की जाएगी। शनिवार को पनागर विधायक सुशील तिवारी और आरटीओ संतोष पॉल द्वारा किया गया।
भटकने से मिली निजात
ऋषभ अग्रवाल ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए हेल्प डेस्क से जानकारी ली, तो पूरी प्रक्रिया उनके द्वारा समझाई गई। प्रक्रिया के अनुसार ऑनलाइन अव्पाइनमेंट लिया। आईएसबीटी बस ऑपरेटस एसोसिएशन के प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि अब ऑपरेटर्स को भी एक ही जगह सारी जानकारियां मुहैया हो रही हैं।
वर्जन
पांच लोगों को अलग-अलग समय पर हेल्प डेस्क पर भेजा गया। जिन्होंने विभिन्न प्रकार की जानकारियां डेस्क से लीं। वहीं सामान्य आवेदकों से भी बातचीत कर फीडबैक लिया गया।
संतोष पॉल, आरटीओ