
High Court of Madhya Pradesh
जबलपुर . मप्र हाईकोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग आयुक्त को कहा कि कटनी, मंडला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा व शहडोल जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगने में हुई देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने कार्रवाई के संबंध में शपथ-पत्र के साथ रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने सीटी स्कैन मशीनों के संबंध में स्टे्टस रिपोर्ट भी पेश करने के लिए कहा। अगली सुनवाई 7 जनवरी तय की गई। कटनी एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा की ओर से जनहित याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया कि कटनी के जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के लिए 2017 में टेंडर निकाला गया था। मेसर्स सिद्धार्थ एमआरआई एंड सीटी स्कैन कंपनी को फरवरी 2019 तक जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन लगाना था, लेकिन अभी तक सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई गई । कंपनी को कटनी के साथ ही मंडला, रतलाम, बालाघाट, मंदसौर, शाजापुर, धार, खंडवा और शहडोल के जिला अस्पतालों में सीटी स्केन मशीन लगाने का ठेका मिला था। कंपनी ने कही भी सीटी स्कैन मशीन नहीं लगाई है। अधिवक्ता योगेश सोनी ने तर्क दिया कि कोरोना संक्रमण के दौरान जिला अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन की काफी जरूरत पड़ रही है। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने 3 नवम्बर को राज्य सरकार सहित अन्य अनावेदकों से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। मंगलवार को मप्र लोक स्वास्थ्य सेवा निगम की ओर से कहा गया कि वे स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम करते है। सीटी स्कैन मशीनों की स्थापना के संबंध में स्वास्थ्य विभाग ही सही और प्रमाणिक जानकारी दे सकता है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त को निर्देश दिया कि सीटी स्कैन मशीनों की स्थापना में विलंब के लिए दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष रखा।
Published on:
08 Dec 2020 09:09 pm
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