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फिशरी उत्पादों को सिखाया बनाना

जनजातीय समुदाय को किया गया ट्रेंड, वीयू ने किया आयोजन  

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जबलपुर।
मछल पालन कर आय बढ़ाने के उदेश्य को लेकर नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विवि के मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय द्वारा सामाजिक उत्थान एवं रोजगार बढ़ाने के लिए मछली पालन की ट्रेनिंग दी गई तो वहीं फिशरी उत्पादों की जानकारी और तैयार करने की विधि बताई। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड के सहयोग से जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए बीजाडांडी मंडला जिले के प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। कुलपति प्रो. सीता प्रसाद तिवारी ने मत्स्य बीज एवं मत्स्य आहार वितरित किये गये। महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आरपीएस बघेल ने मछली की पोषण में महत्तता पर प्रकाश डाला। डॉ. माधुरी शमा, डॉ. प्रीति मिश्रा द्वारा अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंडला जिले के बीजाडांडी तथा ग्राम गोपालपुर एवं घुघरी से आये हुये लगभग 37 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को डॉ. माधुरी शर्मा, डॉ. प्रीति मिश्रा, शिवमोहन सिंह द्वारा मछली से जुड़े उत्पादों के निर्माण की प्रायोगिक जानकारी दी गई।

उत्पादों की बढ़ रही डिमांड

डॉ शर्मा ने बताया कि आज मछली से जुड़े खाद उत्पादों की डिमांड बढ़ रही है। देश के कई हिस्सों में इसे विविध व्यंजनों के रूप में परोसा जा रहा है। यदि इसको बनाकर बेचा जाए तो आय का भी बेहतरीन जरीया हो सकता है । मछली का आचार, कटलेट बनाना सिखाया गया। डॉ. एसके महाजन, डॉ. सोना दुबे ने आर्थिक की खाने योग्य मछलियों और प्रजातियों की जानकारी दी।

कुलपति ने सर्टिफिकेट देकर किया सम्मानित

पशु चिकित्सा विभाग के डॉ. मनोज पाठक, सीईओ पीएल यादव ने शासन की योजनाओं और लाभों से अवगत कराते हुए हर सहयोग देने की बात कही। प्रशिक्षणार्थियों को कुलपति प्रो. सीता प्रसाद तिवारी ने सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.माधुरी शर्मा एवं आभार डॉ. प्रीति मिश्रा द्वारा किया गया। इस दौरान मुकेश कुमार,एसएम सिंह सहित बीएफएससी छात्र उपस्थित रहे।