
Termites started in sacks here and paddy has grown
जबलपुर. सिहोरा और मझौली विकासखंड के अंतर्गत सहकारी समितियों ने धान की खरीदी राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के आधार पर की थी। परिवहन का काम पूरा नहीं होने से खरीदी केंद्रों में रखी धान की बोरियों में दीमक लग गई है। कई बोरिया में तो धान तक उग आई है। ऐसे में हजारों क्विंटल धान के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
खरीदी खत्म हुए 18 दिन बीते
खरीदी खत्म होने के 18 दिन के बीते जाने के बाद भी कुछ खरीदी केंद्रों में हजारों की तादाद में धान की बोरियां खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई हैं। जिनका परिवहन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में परिवहन न होने के कारण किसानों को धान की बेची गई कीमत प्राप्त नहीं हो पा रही है। अभी 10 जनवरी तक खरीदी गई धान का भुगतान किया गया है। वहीं 11 तारीख के बाद खरीदी गई धान का भुगतान परिवहन न होने के कारण रुका हुआ है।
30 प्रतिशत धान का परिवहन अटका
शासन की योजना के तहत 20 जनवरी तक सिहोरा और मझौली क्षेत्र के 22 से अधिक खरीदी केंद्रों में साढ़े पांच लाख क्विंटल से अधिक की धान की खरीदी की गई है। जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत धान का परिवहन हो चुका है। जबकि 30 प्रतिशत धान का परिवहन अब तक नहीं हो पाया। हालत यह है कि खरीदी केंद्रों में रखी धान की बोरियों में दीमक लग गई है। हल्की बारिश के बाद बोरियों में धान तक उग आई है। जिसके कारण किसानों का भुगतान रुका हुआ है, वहीं खरीदी केंद्र प्रभारियों का कहना है कि खरीदी के दौरान पानी गिर जाने से जो माल गीला हो गया था। उसे सुखाकर जमा करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। ऐसी स्थिति में जिन किसानों ने हजारों क्विंटल धान खरीदी केंद्रों में बेची है, उनका भुगतान धान के परिवहन हो जाने के उपरांत होगा, जिससे किसानों में रोष व्याप्त है।
इन केन्द्रों में अब भी पड़ी है धान
सिहोरा-मझौली क्षेत्र के फनवानी, गौरहा, बरगी, पौड़ा, तलाड़, बेला, कछपुरा, लखनपुर, हरसिंगी, मझगवां, नुंजी व शैलवारा खरीदी केंद में लगभग दो लाख क्विंटल धान का परिवहन होना शेष है।
Published on:
07 Feb 2020 07:45 pm
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