19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

 डेंगू का डंक : शहर की पॉश कॉलोनियां भी हाईरिस्क जोन में !

डेंगू का डंक : मेडिकल पीएसएम विभाग के सर्वे में सामने आई हकीकत, 100 घरों का सर्वे 55 में मिले लार्वा, मलेरिया विभाग ने कराया विनष्टीकरण चलाया जागरुकता अभियान, अफसर, डॉक्टर, व्यापारियों के घर पाए गए एडीज के लार्वा

2 min read
Google source verification

image

mukesh gaur

Nov 14, 2016

dengue

dengue

जबलपुर. नेताजी सुभाषचंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय के पीएसएम विभाग द्वारा किए गए सर्वे में शहर की दो पॉश कॉलोनियां भी मच्छरजनित बीमारियों के लिए हाईरिस्क जोन में पाई गई हैं। इन कॉलोनियों में डेंगू सबसे बडे़ खतरे के रूप में सामने आ सकता है। सर्वे रिपोर्ट के बाद जिला मलेरिया विभाग ने प्रभावित घरों और कॉलोनी में लार्वा विनष्टीकरण के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करा दिया है, लेकिन खतरा फिलहाल टला नहीं है। हैरानी की बात यह है कि कॉलोनियोंं में जिन घरों में मच्छरों के लार्वा पाए गए वहां अफसर, डॉक्टर, इंजीनियर, बड़े कारोबारी आदि निवास करते हैं। पीएसएम विभाग की रिपोर्ट में उक्त कालोनियों में मच्छरों का घनत्व बहुत ज्यादा बताया गया है।

dengue

दोबारा मिले लार्वा

मलेरिया विभाग द्वारा लार्वा विनष्टीकरण और जागरुकता अभियान चलाने के कुछ दिनों बाद दोनों कॉलोनियों में सर्वे में शामिल घरों में पुन: पीएसएम विभाग ने दस्तक दी। इन घरों में 111 कंटेनर्स की जांच की गई। 23 में मच्छरों के लार्वा पाए गए। 13 कंटेनर में एडीज, 4 में क्यूलेक्स, 2 में क्यूलेक्स और एडीज तथा 4 कंटेनर में मादा एनाफिलीज के लार्वा डंक मारने के लिए तैयार हो रहे थे। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू, मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया, क्यूलेक्स के काटने से हाथी पांव होता है।

21 प्रतिशत को कुछ पता ही नहीं

सर्वे में यह जानकारी भी सामने आई है कि लगभग 21 प्रतिशत लोगों को मच्छरों के काटने से होनी वाली बीमारियों को लेकर कुछ जानकारी ही नहीं है। 100 लोगों से पूछताछ में 37 प्रतिशत लोगों ने मच्छरजनित रोगों की सटीक जानकारी दी, लेकिन 21 प्रतिशत लोग कुछ भी नहीं बता पाए। जबकि, 42 प्रतिशत लोगों ने आंशिक जानकारी दी। वहीं 22 प्रतिशत लोग यह नहीं बता पाए कि मच्छर कहां पैदा होते हैं।

सर्वे में शामिल टीम

पीएसएम विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप कसार के निर्देश एवं डॉ. नीलम टोप्पो के मार्गदर्शन में असिता दुबे, अंकिता डे, हिमांशी जैन, स्वेच्छा जैन, अक्षय जैन, साजिद अंसारी, मिसी तिवारी व अक्षय मूले सर्वे टीम में शामिल रहे।
सर्वे में नेहरू नगर और बजरंग नगर मच्छरजनित बीमारियों के लिए हाईरिस्क जोन में पाए गए। मलेरिया विभाग द्वारा लार्वा विनष्टीकरण के साथ जागरूकता अभियान चलाया गया है।

डॉ. नीलम टोप्पो, पीएसएम विभाग

ये भी पढ़ें

image