22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चुनाव से पहले खराब मिली ईवीएम, बेंगलुरु भेजा

एफएलसी में सामने आई गड़बड़ी, जिले में 29 अप्रैल को है मतदान  

2 min read
Google source verification
evm

the electronic voting machines found poorly in the investigation

जबलपुर. चुनाव से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बड़ी तकनीकी खामी सामने आई है। इन मशीनों की जब फस्र्ट लेवल चैकिंग (एफएलसी) की गई तो गड़बड़ी मिली। ऐसी मशीनों की संख्या करीब 1715 है। इन मशीनों को जिला निर्वाचन कार्यालय ने बेंगलुरू स्थित निर्माता कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को वापस भेज दिया गया है। ज्ञात हो कि जबलपुर संसदीय क्षेत्र में 29 अप्रैल को मतदान होना है। इन मशीनों का इस्तेमाल चुनाव में होना था।

जबलपुर और शहडोल संभाग के जिलों के लिए फ स्र्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) में ईवीएम की बेलट यूनिट, कंट्रोल यूनिट तथा वीवीपैट में तकनीकी खामयां मिलने के बाद इन्हें एमएलबी स्कूल से बेंगलुरू वापस भेज दिया गया है। जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को वापस भेजी गई ईवीएम की कंट्रोल यूनिट और बेलट यूनिट तथा वीवीपेट की कुल संख्या 1715 है।

11 जिलो के लिए थीं मशीनें
ये मशीनें जबलपुर संभाग के जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, डिंडौरी और बालाघाट जिले के लिए आई थीं। इसी तरह अन्य ईवीएम शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिले की हैं। इनमें 113 बेलट यूनिट, 270 कंट्रोल यूनिट और 1332 वीवीपेट मशीनें शामिल हैं। इन्हें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड बेंगलुरू को वापस करने की जिम्मेदारी अतिरिक्त तहसीलदार गोरखपुर दिलीप चौरसिया को दी गई है।

ईवीएम के मूवमेंट पर रखे कड़ी नजर

राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर छवि भारद्वाज ने कहा कि ऐसे सभी तत्वों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करें जो चुनावी प्रक्रिया के दौरान अशांति पैदा कर सकते हैं। कलेक्टर ने लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराने के लिए राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत बताई। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बैठक में निर्वाचन आयोग के रिजर्व ईवीएम और वीवीपेट मशीनों के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए इनके परिवहन में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों की जीपीएस ट्रेकिंग और सुरक्षा उपलब्ध कराने के जारी किए गए निर्देश के मद्देनजर सेक्टर अधिकारियों के प्रत्येक वाहन के साथ-साथ पुलिस का मोबाइल वाहन को भी तैनात किए जाने के निर्देश दिए।