
The line of wheat-filled tractor-trolleys in this procurement center
जबलपुर. सिहोरा. समर्थन मूल्य पर गेहूं की सरकारी खरीदी के लिए मझौली में बनाए गए सायलो बैग में सोमवार को उपज से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की लाइन लगी रही। करीब 500 किसान अपनी उपज बेचने के लिए खरीदी केंद्र पहुंचे। जिसके कारण केंद्र में अव्यवस्था का माहौल रहा। आसपास का पूरा क्षेत्र टै्रक्टर-ट्रॉली से पट गया।
शासन ने सायलो बैग तो बना दिया है, लेकिन यहां पर उपज तुलाई के लिए सिर्फ एक कांटा लगाया गया है, जिसके कारण किसानों की उपज तुलने में समय लग रहा है। किसान टै्रक्टर-ट्रॉली में उपज लेकर तो पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें पूरे दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। दो पारियों में होने वाली खरीदी के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई। सोमवार को मझौली स्थित सायलो बैग में सुबह और दोपहर की पाली में करीब 525 किसान मैसेज मिलने पर अपनी उपज बेचने के लिए पहुंचे।
30-35 किमी दूर से आना पड़ रहा
मझौली रोड स्थित सायलो बैग में मझौली तहसील की 12 समितियों के 25 केंद्र बनाए गए हैं। कई समितियां तो ऐसी हैं, जहां करीब 30 किलोमीटर दूर से किसान उपज बेचने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। सबसे बड़ी परेशानी उन छोटे किसानों की है, जिनके पास उपज लेकर सायलो बैग ले जाने के लिए साधन ही नहीं हैं। सायलो बैग में पोड़ा, खांड, विपणन मझौली, तलाड़, पोला, बरगी, लखनपुर, लमकाना, सहजपुरा, हरसिंगी, कापा के अलावा एक सहायता इंद्राना को केंद्र बनाया गया है।
धूप में हो रहे परेशान
साइलो बैग मझौली में ट्रैक्टर से गेहूं लेकर पहुंचे लमकाना के किसान वीर बहादुर पटेल, अरविंद पटेल, लखनपुर के संगीत पटेल, श्रवण कुमार पटेल, मनीष पटेल, बृजेश पटेल और प्रदीप पटेल ने बताया कि सायलो बैग में कहीं भी खड़े होने की जगह नहीं है। सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए किसानों को तेज धूप में अपने ट्रैक्टर में बैठना पड़ रहा है। 25 से 30 किलोमीटर दूर गांव से उपज लेकर आने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शासन को चाहिए कि खरीदी केंद्र समितियों में स्थापित करे, ताकि किसानों को परेशानी न हो।
Published on:
20 Apr 2020 08:28 pm
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