रुपयों के कागज़़ के नोटों को सबसे पहले जारी करने वालों में से थे 'बैंक ऑफ हिन्दुस्तान (1770-1832), 'द जनरल बैंक ऑफ बंगाल एंड बिहार (1773-75, वारेन हॉस्टिग्स द्वारा स्थापित) और 'द बंगाल बैंक (1784-91)। शुरुआत में बैंक ऑफ बंगाल द्वारा जारी किए गए कागज़़ के नोटों पे केवल एक तरफ ही छपा होता था। इसमें सोने की एक मोहर बनी थी और यह 100, 250, 500 आदि वर्गों में थे। बाद के नोट में एक बेलबूटा बना था जो एक महिला आकृति, व्यापार का मानवीकरण दशातज़ था। यह नोट दोनों ओर छपे होते थे, तीन लिपियों उर्दू, बंगाली और देवनागरी में यह छपे होते थे, जिसमें पीछे की तरफ बैंक की छाप होती थी।