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खरीदारों की ऐसी भीड़ उमड़ रही है कि पैदल नहीं चल सकते, वाहन पार्क करना युद्ध जीतने जैसा है यहां!

जबलपुर में खरीदी के उत्साह पर पानी फेर रही पार्किंग की कमी, दुकानों के सामने तिल रखने की जगह नहीं  

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Crowd in the market before the festival, people forgetting the physical distancing, carelessness even after the growing case of corona ...

त्यौहार के पहले बाजार में उमड़ी भीड़, फिजिकल डिस्टेंसिंग भूले लोग, कोरोना के बढ़ते मामले के बाद भी बरत रहे लापरवाही ...

जबलपुर। त्योहार के दौरान बाजारों में रौनक है। थोक व फुटकर खरीदी करने वालों की भीड़ पहुंच रही है। जबलपुर शहर के परम्परागत और पुराने बाजारों में सबसे अधिक खरीदी करने लोग पहुंच रहे हैं। बाजारों में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से सड़क पर वाहन पार्क करने को लोग मजबूर होते हैं। कहीं दुकानदारों की किचकिच तो कहीं दूसरे वाहनों के कारण यहां रुकना मुश्किल हो जाता है। फुहारा, गोरखपुर, गंजीपुरा, नौदराब्रिज आदि क्षेत्रों में पार्किंग के नाम पर तिल रखने की जगह नहीं रहती। नया बाजार से लार्डगंज थाना, चूड़ी गली, फुहारा, निवाडग़ंज, सराफा, मुकादमगंज में तो पैदल निकलना मुश्किल रहता है।
फुहारा क्षेत्र की स्थिति
-पीक ऑवर्स में हर घंटे सात से आठ हजार वाहन पहुंचते हैं।
-ज्वेलर्स, बर्तन, कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन, घरेलू सजावट, पूजा सामग्री, जूते-चप्पल की दुकानें ज्यादा।
-थोक और फुटकर दोनों तरह की खरीदी-बिक्री का केंद्र हैं।
-लोडिंग वाहन से लेकर रिक्शा, कार, ऑटो, ई-रिक्शा, बाइक सहित अन्य वाहन
-दुकानों के सामने तीन से चार फीट तक सामग्री रखते हैं।
-कई दुकानदार सामने के फुटपाथ को ठेला वाले को दुकान लगाने के लिए बेच देते हैं।
गोरखपुर क्षेत्र
-हर घंटे चार से पांच हजार वाहन गुजरते हैं।
-कपड़े, जूते-चप्पल, बर्तन की दुकानें ज्यादा।
-छोटी लाइन फाटक से गोरखपुर बाजार तक की सड़क संकरी है।
-यहां से कटंगा और आगे जाने वाले चार पहिया व दो पहिया भी निकलते हैं।
-दुकानों के सामने वाहन पार्क हो जाते हैं।
-आवागमन के लिए जगह नहीं बनती। एक भी वाहन फंसने पर जाम लग जाता है।
-छोटी लाइन फाटक के पास ठेला व सब्जी वालों का रोड पर कब्जा रहता है।

इनका कहना है
फुहारा, गंजीपुरा जैसे क्षेत्र सबसे व्यस्त व्यापारिक क्षेत्र हैं, लेकिन यहां वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। लोग जहां जगह मिलती है वहां वाहन पार्क कर देते हैं। जिसके चलते व्यापारी परेशान हैं।
-आदित्य साहू, मूर्ति व्यवसाई
वाहन पार्किंग की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। निगम प्रशासन ठोस कार्रवाई नहीं करता। जिसके कारण दिन में कई बार जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। इस दिशा में प्रयास किया जाना चाहिए।
-जीशान खान, कपड़ा व्यवसायी
नगर निगम ट्रैफिक पुलिस कुछ चिन्हित स्थलों पर ही कार्रवाई करती है। जबकि सभी व्यापारिक स्थलों पर नजर रखनी चाहिए। जिसके चलते व्यापारिक क्षेत्र में यातायात व्यवस्था बिगड़ी हुई है।
-पूरन क्षत्रिय, स्टेशनरी व्यापारी
त्योहार को देखते हुए ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त किया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक जिम्मेदार विभागों का इस और कोई ध्यान नहीं जा रहा है। जिससे दीपावली धनतेरस के दौरान सभी को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
-अजय जैन इलेक्ट्रिक व्यापारी
बड़ा फुहारा, कोतवाली से निकलना कई बार मुश्किल हो जाता है। यदि समान खरीदने जाना है तो कई बार सोचना पड़ता है कि हम वहां से गुजरें कि नहीं। डर लगा रहता है कि जाम में न फंस जाएं। सुनियोजित प्लान बनाना चाहिए।
-अरुण प्यासी, नागरिक
नगर निगम, यातायात विभाग द्वारा गाहे-बगाहे कार्रवाई की जाती है। जिसके चलते ना तो आम नागरिक जागरूक होता है ना ही व्यापारिक वर्ग। इस दिशा में सभी को मिलकर पहल करने की आवश्यकता है।
-राजेश पंडित, नागरिक
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था कुछ दिन ठीक रहती है फिर बिगड़ जाती है। जिसकी बड़ी वजह सतत कार्रवाई न किया जाना है। यदि इस पर ध्यान दिया जाए तो व्यवस्था सुधरेगी।
-सीएल बागरी, नागरिक
-सुधार की आवश्यकता है। इसके लिए एक प्रापर गाइड लाइन बनाई जाए। जिसमें नागरिक और व्यापारियों की भागीदारी भी सुनिश्चित हो।
-बसंत केवट, नागरिक