
snake
जबलपुर। शहर के गजेंद्र दुबे सांपों को सरंक्षित व सुरक्षित करने का कार्य कर रहे हैं। गजेंद्र बीते 22 वर्षों में अब तक 2 हजार से ज्यादा सांप का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़ चुके हैं। सर्प विशेषज्ञों के समय पर पहुंचने का परिणाम यह हो रहा है कि शहर में अब सर्प निकलने पर इन्हें लोग मारते नहीं। गजेंद्र के अनुसार वे वर्ष 1998 से सर्प पकड़ रहे हैं। अब तक विभिन्न प्रजाति के 22 सौ से ज्यादा सांपों को पकड़ चुके हैं। इनमें कोबरा, करैत,रसल वाईपर,अजगर रैड सेंड बोआ यानि दोमुहां सांप, शामिल है। इसके अलावा सरंक्षण प्राप्त श्रेणी में आने वाले गोह, बंदर, मगर आदि संरक्षण प्राप्त प्राणी है। वर्ष 2015 में सर्प विशेषज्ञ के रूप में वन विभाग ने इन्हें अपनी टीम में शामिल किया है।
गजेंद्र के अनुसार पब्लिक एरिया से लगभग पांच सौ मीटर की दूरी पर बरगी के पास चूल्हा गोलाई के पास व तिलवारा के पास मुख्य मार्ग से लगभग पांच किलोमीटर भीतर रामघाट के पास खाई में छोड़ते हैं। गजेंद्र के अनुसार सर्प का रेस्क्यू करने में जोखिम भी रहता है। वर्ष 2014 में जब वे एक परिवार में निकले सर्प का रेस्क्यू करने गए थे उस दौरान वे टार्च लेकर सर्प को खेज रहे थे अचानक उनके सामने छप्पर से निकल कर कोबरा आ गया। टार्च की रोशनी से उसके पदम को देखा। उसके बाद कोबरा को रेस्क्यू किया। गजेंद्र के अनुसार सर्प को अब मारा नहीं जाता है। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग जागरूक हुए हैं। जबलपुर के शहर के अलावा पाटन व पनागर क्षेत्र तक से सांप निकलने पर सूचना आती है व लोग पहुचंने पर दो से तीन घंटे तक इंतजार करते हैं।
Published on:
25 Jul 2020 07:56 pm
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
