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तीन महीने बाद शुभम बागरी की मौत मामले में शुरू हुई प्राथमिक जांच

फॉलोअप-एएसपी संजीव उईके ने शुरू की जांच, परिजनों के लिखित बयान दर्ज हुए-नौ जून को सिविल लाइंस थाना गेट पर शुभम की संदिग्ध हालत में गोली लगने से हुई थी मौत

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police beaten

primary investigation started

जबलपुर। सिविल लाइन थाने के सामने पुलिस अभिरक्षा में संदिग्ध हालत में गोली लगने से हुई शुभम बागरी की मौत के तीन महीने बाद पुलिस ने प्राथमिक जांच शुरू की है। मामले की मजिस्ट्रियल जांच पहले से ही जारी है। प्राथमिक जांच के बाद मामले में घिरे आईजी जोन की साइबर सेल टीम के एएसआई कपूर सिंह, एएसआई विशाल सिंह, आरक्षक अमित पटेल, राजेश पाण्डे, नितिन कुशवाहा के खिलाफ विभागीय जांच होगी। गुरुवार को शुभम बागरी के परिजनों को बयान के लिए बुलाया गया था।
जानकारी के अनुसार शुभम बागरी की मौत मामले की न्यायिक जांच अपर सत्र न्यायाधीश हरीश वानवंशी कर रहे हैं। इस बीच पुलिस ने भी अपनी प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को मृतक शुभम की मां सविता, भाई सतेन्द्र बागरी, अधिवक्ता बहन दीप्ति व सोनम लिखित बयान दर्ज कराने पहुंची। सूत्रों की मानें तो परिजनों ने अपना बयान लिखित रूप से प्रस्तुत किया है। परिजनों ने ये भी दावा किया है कि शुभम बागरी का असली नाम शिवम बागरी है। किसी भी दस्तावेज में शुभम नाम नहीं है। आरोप लगाया है कि उसकी हत्या को आत्महत्या का रूप दिया गया है। यदि सायबर सेल किसी शुभम की तलाश में थी, तो शिवम की गिरफ्तारी क्यों की गई। गिरफ्तारी के समय तलाशी में चाबी के गुच्छे, मोबाइल और 70 हजार रुपए जब्त किए गए तो पिस्टल कहां से रह गया था।
ये थी घटना-
9 जून को विजय नगर क्षेत्र से आईजी जोन की साइबर सेल टीम ने तीन हजार के इनामी शुभम बागरी को गिरफ्तार किया था। टीम के मुताबिक सिविल लाइंस थाना गेट पर कपड़े में छिपाकर रखे पिस्टल ने उसने खुद को गोली मार लिया था। इलाज के दौरान निजी अस्पताल में उसी रात उसकी मौत हो गई थी। आईजी ने इस मामले में पांचों पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर दिया था।