नाले में घर, अस्पताल, वाहनों के सर्विस सेंटर और वॉशिंग सेंटर्स का पानी होता है, अस्पतालों की सफाई में खतरनाक रसायन निकलते हैं, वाहनों का तेल, ग्रीस धुलाई के बाद सीधे नालों में जाता है, नाले के पानी में अमोनिया, आर्सेनिक, पारा, लेड, क्लोराइड, फ्लोराइड, निकिल, केडमियम, पेस्टीसाइड, बायोकेमिकल ऑक्सीजन की मात्रा खतरनाक स्तर तक घुला होता है, नाले के पानी से सब्जियों की सिंचाई होती है, तो खतरनाक रसायनों के अवयव सब्जियों में भी पहुंच जाते हैं, लोग बाजार से जिसे हरी और ताजी सब्जी जानकर खरीदते हैं, दरअसल उसमें धीमा जहर होता है, इस तरह सेहत पर पड़ता है असर, चिड़चिड़ापन, पेट दर्द, गैस बनना, अपच, सिरदर्द, उच्च रक्तचाप, टीबी, कैंसर और भूलने की बीमारी।