
weather astronomy forecast, monsoon prediction 2020 july in mp
जबलपुर। आधा सावन बीतने को आया है, लेकिन झमाझम बारिश और रिमझिम फुहारें जैसे जबलपुर से रूठ गई हैं। बादल रोज आते हैं और थोड़ा छिडक़ाव करके लौट जाते हैं। मौसम विभाग की सारी संभावनाओं को बादलों ने ठेंगा दिखा दिया है। शुक्रवार को भी बारिश होने की संभावना जताई गई थी लेकिन कुछ इलाकों में बरसे बादल रुखसत हो गए। जिससे पूरे शहर में उमस बढ़ गई।
ट्रफ लाइन और चक्रवात के बाद भी रूठी है बारिश
वहीं बारिश कराने वाली ट्रफ लाइन के नीचे आने से बुधवार की रात को शहर का आसमान काले बदलों से पटा रहा। लेकिन गुरुवार की सुबह होते ही काले बदरा गायब हो गए। जैसे-जैसे धूप बढ़ती गई नमी से राहत कम होती गई। दोपहर में धूप खिलने से उमस-गर्मी बढ़ गई। धूप की चुभन और चिपचिपी गर्मी से लोग पूरे दिन बेचैन रहे। लेकिन कम दबाव का क्षेत्र बना होने के बावजूद पूरा दिन अच्छी बारिश की राह तकते निकल गया। हालांकि अरब सागर की ओर से आ रही नमी भरी हवा से पारे में गिरावट आई। सूर्यास्त के बाद नमी भरी हवा से दिन की उमस और गर्मी से कुछ राहत दी। लोग शाम ढलते ही घरों के आंगन, छत और गार्डन, पार्क में घूमने निकलें। मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27.1 डिग्री सेल्सियस था। दोनों स्तर पर गुरुवार को तापमान में गिरावट आई। गुरुवार को मामूली गिरावट के साथ अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हुआ। यह सामान्य से दो डिग्री ज्यादा बना रहा। न्यूनतम तापमान में करीब दो डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
गरज-चमक के साथ बौछार की सम्भावना
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार ट्रफ लाइन का नीचे की ओर आना जारी है। यह गंगानगर-राजस्थान से मध्यप्रदेश, झारखंड होते हुए बे ऑफ बंगाल तक प्रभावी है। बंगाल और उससे लगे उड़ीसा के कुछ हिस्सों के ऊपर चक्रवात बना हुआ है। इसके अलावा कम दबाव का एक और सिस्टम सक्रिय है। शुक्रवार को अनेक स्थानों पर वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछार पडऩे की सम्भावना है।
Published on:
17 Jul 2020 03:43 pm
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