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उपभोक्ता अदालतों में अध्यक्ष व सदस्यों के पद क्यों हैं खाली

हाईकोर्ट ने विधि विभाग के प्रमुख सचिव व उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर पूछा  

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High Court of Madhya Pradesh

High Court of Madhya Pradesh

जबलपुर . मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पूछा कि राज्य सरकार की ओर से दिए गए अभिवचन के बावजूद राज्य की उपभोक्ता अदालतों में अध्यक्ष व सदस्यों के पद रिक्त क्यों हैं? चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने प्रमुख सचिव विधि विभाग सत्येंद्र कुमार व प्रमुख सचिव उपभोक्ता संरक्षण विभाग अशोक वरनबाल को अवमानना नोटिस जारी किए । दोनों से तीन सप्ताह में स्पष्टीकरण तलब किया गया। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के अध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने 2018 में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र सौंपकर राज्य की उपभोक्ता अदालतों में अध्यक्ष व सदस्यों के पद रिक्त होने को लेकर चिंता जताई थी। 2 जुलाई, 2018 को राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने अभिवचन दिया कि राज्य की सभी उपभोक्ता अदालतों में अध्यक्ष व सदस्यों के रिक्त पद भरे जाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। इस तरह पद रिक्त होने और लंबित मामलों की अधिकता की शिकायत भी दूर हो जाएगी। उपभोक्ता मामलों की सुनवाई में भी तेजी आएगी। अधिवक्ता उपाध्याय ने तर्क दिया कि लंबा समय गुजरने के बावजूद राज्य की उपभोक्ता अदालतों में अध्यक्ष व सदस्यों के पद काफी संख्या में रिक्त हैं। इस वजह से उपभोक्ता मामलों की सुनवाई में तेजी नहीं आ पा रही है। यह हाई कोर्ट के पूर्व आदेश की अवमानना है। जब बार-बार अभ्यावेदन के बावजूद सरकार हरकत में नहीं आई तो अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी किए।