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सही जवाब देने के बावजूद क्यों नहीं दिए उम्मीदवार को अंक

हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब  

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High Court of Madhya Pradesh

High Court of Madhya Pradesh

जबलपुर . मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक सवाल के दो जवाब सही होने के बावजूद याचिकाकर्ता को अंक न दिए जाने पर एमपीपीएससी को नोटिस जारी किए। जस्टिस सुजय पॉल की सिंगल बेंच ने इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा। तीन सप्ताह का समय दिया गया। रीवा निवासी विक्रम सिंह की ओर से अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा व वन सेवा प्रारम्भिक परीक्षा में भाग लिया। वह महज दो अंक से मुख्य परीक्षा के लिए चयनित होने से चूक गया। जबकि परीक्षा में एक सवाल ऐसा पूछा गया था, जिसके दो जवाब सही थे। इनमें से एक सही उत्तर ए पर याचिकाकर्ता ने टिक किया। नियमानुसार दोनों जवाब देने वाले प्रतिभागियों को अंक दिए जाने चाहिए थे। लेकिन ऐसा न करते हुए सिर्फ डी पर निशान लगाने वालों को अंक दिए गए जबकि ए पर निशान लगाने वाले याचिकाकर्ता सहित अन्य परीक्षार्थियों को उस प्रश्न के अंक से वंचित कर दिया गया। अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की सूची संलग्न कर कोर्ट को बताया कि नेशनल हाइवे क्रमांक तीन व आठ दोनों ही मध्य प्रदेश को नहीं छूते हैं। लिहाजा, दोनों उत्तर सही थे। पीएससी की नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है कि जिस भी प्रश्न के एक से अधिक उत्तर सही होंगे, तो उनके अंक प्रदान किए जाएंगे। इसके बावजूद याचिकाकर्ता को अंक न देने से वह मुख्य परीक्षा से वंचित हो गया। इससे उसका भविष्य प्रभावित हुआ। वह वर्तमान में एफसीआइ में पदस्थ है। यदि पीएससी परीक्षा में सफल हो जाता तो डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना साकार कर सकता था। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने एमपीपीएससी को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।