
High Court of Madhya Pradesh
जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व जबलपुर नगर निगम से पूछा कि शहर में शुरू किया गया हैक्सी साइकिल प्रोजेक्ट दो साल में ही क्यों बंद कर दिया गया। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य के शहरी विकास मंत्रालय के प्रमुख सचिव, नगर निगम आयुक्त व स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीइओ को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा। अगली सुनवाई 16 फरवरी को होगी । जबलपुर के नयागांव हाउसिंग सोसायटी के निवासी रजत भार्गव की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि अक्टूबर 2018 में स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने जबलपुर में ट्रैफिक की समस्या के निराकरण के लिए पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के जरिए हैक्सी साइकिल प्रोजेक्ट शुरू किया। करोड़ों रुपए खर्च कर 45 साइकिल स्टेशन व कियोस्क बनाए गए ।अधिवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि प्रोजेक्ट का उद्देश्य था कि लोग ज्यादा से ज्यादा साइकिल का उपयोग करें, ताकि शहर में ट्रैफिक जाम से बचा जा सके। लेकिन नगर निगम और स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर कटंगा तिराहे से लेकर ग्वारीघाट तक बनाए गए साइकिल ट्रैक पर जगह-जगह चाय और पान के टपरे लग गए हैं। इसकी वजह से साइकिल ट्रैक का उपयोग नहीं हो पा रहा है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने हैक्सी साइकिल प्रोजेक्ट को बंद कर दिया है। इसे फिर से आरम्भ किया जाना चाहिए। प्रांरभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
Published on:
18 Jan 2021 07:05 pm
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