आमतौर पर थिएटर, फोटोग्राफर्स, सिनेमेटिक वल्र्ड से जुड़े लोग ही ज्यादातर डॉक्यूमेंट्री पर काम करते हैं। लेकिन शौकिया लोगों की तादाद भी शहर में कम नहीं है। खासतौर पर इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स, सोशल वर्कर्स भी डॉक्यूमेंट्रीज शूट करते हैं। जिनके फोकस्ड टॉपिक में स्वच्छता, हरियाली, रीति-रिवाज, परम्पराएं, ड्रॉ-बैक्स, सेलिब्रेशन, सोशल कॉज, क्राइम शामिल हैं।