
World Heart Day
जबलपुर. हर साल की तरह इस बार भी 29 सितम्बर को वल्र्ड हार्ट डे मनाया जाएगा। इस दिन आप अपने दिल की सेहत का पूरा ख्याल रखने का संकल्प लें। प्रॉमिस करें कि एक्सरसाइज के साथ प्रापर डाइट लेंगे और स्मोकिंग से दूर रहेंगे। क्योंकि जागरूक और सतर्क रहकर ही दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। वल्र्ड हार्ट डे पर इस बार की थीम है- 'आइ प्रॉमिस माइ हार्ट : प्रॉपर डाइट, एक्सरसाइज, नॉट एल्कोहल एंड टोबैकोÓ है।
डॉक्टरों के अनुसार फिजिकल एक्टिविटी नहीं करने वालों को दिल की बीमारी का उतना ही जोखिम रहता है, जितना स्मोकिंग करने वालों को। एल्कोहल और टोबैको का इस्तेमाल किसी भी रूप में दिल के लिए हानिकारक है। खराब लाइफ स्टाइल भी दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण है। हार्ट डिजीज की हिस्ट्री वाले परिवार के लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार हार्ट अटैक में हृदय की धमनियों में रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है। मांसपेशियां डैमेज हो जाती हैं। हृदय की धमनियों में खून का थक्का जम जाता है। इसमे सीने में असहनीय दर्द होता है। जबकि, कार्डियक अरेस्ट या दिल का दौरा पडऩे पर हृदय गति अवरुद्ध हो जाती है। समय पर सीपीआर सिस्टम या ट्रीटमेंट नहीं मिलने से मरीज की मौत भी हो सकती है। हार्ट अटैक के कारण मेन आर्टरी ब्लॉक होने पर भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। हार्ट के वाल्व या पेसमेकर की प्रॉब्लम के कारण भी कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
तीन मिनट में हो जाता है ब्रेन डेड
कार्डियक अरेस्ट में व्यक्ति बेहोश होकर गिर जाता है। हार्ट से खून की सप्लाई बंद होने पर तीन मिनट में ब्रेन डेड होने से व्यक्ति की मौत हो जाती है। ऐसे व्यक्ति, जिनकी हृदय गति एवं सांस नहीं चल रही तो सीपीआर सिस्टम से जान बच सकती है। इसमें सिस्टम के अनुसार सीने के बीच एक हथेली पर दूसरी हथेली रखकर एक मिनट में 100 बार दबाना होता है। डॉक्टरों के अनुसार समय पर सीपीआर होने से 90 प्रतिशत लोगों की जान बच सकती है।
खास डेट पर कराएं हार्ट चैकअप
सभी को साल में एक बार बीपी, हार्ट की पल्स और इसीजी टेस्ट कराना चाहिए। यदि हार्ट अटैक या सडेन डेथ की फैमिली हिस्ट्री है तो 30 साल की उम्र मेंही ही कार्डियक चेकअप कराना चाहिए। साल में एक बार चेकअप का फॉलोअप कराएं। इसके लिए बेहतर होगा कि बर्थडे या एनिवर्सरी डेट पर दिल की जांच कराने का नियम बनाएं।
हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का प्रमुख कारण है विकृत लाइफ स्टाइल। आनुवांशिक कारणों से भी दिल की बीमारियां होती हैं। लाइफ स्टाइल बदलकर दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है। लोगों को सीपीआर सिस्टम की विधि सीखना चाहिए।
डॉ. आरएस शर्मा, हार्ट स्पेशलिस्ट
Published on:
29 Sept 2018 07:07 am
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