डॉ. अग्रवाल में बताया की वे अस्पताल में आने वाले मरीजों, रास्तों पर मिलने वाले अनुभवों को फेसबुक पर पोस्ट के रूप में शेयर किया। जिसे हज़ारों लाइक्स ऑफ शेयसज़् मिले। इससे अव्यक्त के दोस्तों में कहा की आपके लेखन में ताकत है, किताब क्यों नहीं लिखते। बस वहीँ से ही उन्होंने मन बना लिया। आज से छह माह पहले जो केवल एक डॉक्टर हुआ करते थे वो अब एक लेखक भी बन गए।