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CG Road Accident: खून की प्यासी हुई बस्तर की सड़क, 15 दिन में 15 लोगों की मौत, कई घायल

CG Road accident: वाहन दुर्घटना से हो रही मौतों से आमागुड़ा चौंक अब लोगों की रक्त से लाल हो चुकी है। शहर के प्रवेश द्वार स्थित आमागुड़ा चौंक यहां का सबसे व्यस्त चौराह है..

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cg road accident Bastar

CG Road Accident: बस्तर की सड़कों में इन दिनों कई गाड़ियां मौत बनकर दौड़ रही है। लगातार हो रहे वाहन दुर्घटना से हो रही मौतों से आमागुड़ा चौंक अब लोगों की रक्त से लाल हो चुकी है। शहर के प्रवेश द्वार स्थित आमागुड़ा चौंक यहां का सबसे व्यस्त चौराह है। इस चौंक में दिन रात हजारों की संख्या में छोटी बड़ी वाहन पार होती है।

CG Road Accident: पिछले सप्ताह 4 मौतें

पिछले एक सप्ताह के भीतर इस चौक में चार मौतें हो चुकी है। जबकि जिले की कुछ अन्य मार्गों की बात की जाय तो तेज रफ्तार वाहनों से पिछले 15 दिनों में 15 से अधिक मौतें हो चुकी है। इस तरह बस्तर में जिले में शहर और आसपास क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं के मामले चिंताजनक है। प्रतिदिन एक से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही है वहीं हर दो दिनों में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। यह सभी दुर्घटनाएं वाहन चालकों की लापरवाही और तेज रफ्तार से हो रही है।

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तेज रफ्तार व नशा पर अंकुश नहीं

यातायात विभाग तमाम कोशिशों के बावजूद वाहनों के तेज रफ्तार पर लगाम कसने में नाकाम रही है। सड़क पर होने वाले दुर्घटनाओं का सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार और नशा है जिसके चलते हादसे हो रहे हैं। वाहन चालक की छोटी सी लापरवाही किसी की जिंदगी को पल भर में काल के गाल में धकेल देती है।

बेलगाम वाहनों में बड़े वाहन छोटे वाहनों के लिये खतरनाक साबित हो रहे है। इसके अलावा नशे में वाहन चालन भी सबसे बड़ा कारण है। एनएच में होने वाले सबसे ज्यादा वाहन दुर्घटना में वाहन चालक का पता नहीं चल पाता इसी वजह से पुलिस ऐसे मामलों में चालान भी नहीं कर पाती है।

मंगलवार की दोपहर आमगुड़ा चौक में नयामुण्डा से अपने घर लौट रहे एक दम्पत्ति को तेज रफ्तार ट्रक ने अपने चपेट में ले लिया जिससे बाइक सवार एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। रविवार की दोपहर फिर एक सायकल चालक अधेड़ को ट्रक ने रौंद दिया जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इस तरह आमागुड़ा चौक में एक सप्ताह के भीतर चार लोगों की मौत हो गई। तेज रफ्तार में होने वाले हादसे के दौरान सबसे ज्यादा मौत छोटे वाहनों में सवार लोगों की होती है।

मालवाहक गाड़ियों में ढो रहे हैं सवारी

बस्तर जिले में इन दिनों माल वाहक गाड़ियों में बेखौफ वाहन चालक धड़ल्ले से ओवरलोड सवारी ढो रहे हैं। वाहनों में सवारी ढोने के अवैध कारोबार पर न तो पुलिस अंकुश लगा पा रही और न ही परिवहन विभाग। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य के लिए पिकअप अथवा अन्य वाहनों में मजदूरों को लाना ले जाना आम बात है।

इसके अलावा बारात हो या फिर किसी सार्वजनिक या राजनीतिक कार्यक्रमों में भीड़ बढ़ाने के लिए पिकअप, ट्रैक्टर व खुली मालवाहक वाहन ही विकल्प है। पिछले रविवार को बकावंड में एक पिकअप हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई थी। यह हादसा उस वक्त हुआ जब महिला मजदूर काम कर वापस अपने घर लौट रही थी।

घटना के बाद यातायात पुलिस ने दो चार दिन ऐसे वाहनों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति कर ली। इधर मालवाहक वाहनों में सवारी बैठाकर रोजाना शहर के चौक चौराहों से वाहन गुजरते हैं मगर यातायात पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। वहीं परिवहन विभाग को इससे कोई सरोकार नहीं है।

सड़क हादसों का प्रमुख कारण

सड़क में तेज गति से दौड़ रहे वाहन के सामने अचानक किसी दूसरे वाहन के आ जाने से ।

लगातार वाहन चलाने से थकान की वजह से ड्राइवर को नींद आ जाती है और वह वाहन हादसे का शिकार हो जाता हैं। इस मामले में भारी वाहन चालक सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं।

नशे की हालत में वाहन चलाते हुए किसी दूसरे वाहन से भिड़ जाने से भी सड़क दुर्घटना हो जाता है जो एक बड़ा कारण है।

सड़क पर आवारा जानवरों आ जाने से भी हाईवे पर एक्सीडेंट होते हैं और इसकी वजह से मरने वालों की संख्या भी अधिक होती है।

नो पार्किंग वाले स्थानों पर खडें वाहन भी दुर्घटना का कारण है। इनमें कई बार दूसरे वाहन अनियंत्रित होकर टकरा जाते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं।