
कोरोना के बीच नया खतरा: रायपुर में स्वाइन फ्लू के 2 मरीज मिले, वायरल भी पैर पसार रहा
रायपुर. Swine Flu Outbreak in Raipur: छत्तीसगढ़ में अभी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर (Second wave of Coronavirus) खत्म नहीं हुई है और इसी बीच एक और घातक वायरस स्वाइन फ्लू (Swine Flu H1N1) ने दस्तक दे दी है। राजधानी रायपुर में इसके 2 मरीज रिपोर्ट हुए हैं। एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर है, तो दूसरा डॉक्टरों की निगरानी में घर पर। इन दोनों मरीजों की विदेश या अन्य राज्यों से लौटने की कोई हिस्ट्री नहीं है। यही परेशानी की सबसे बड़ी वजह है। तो दूसरी तरफ मौसम में आए बदलाव यानी तापमान में गिरावट की वजह से मौसमी फ्लू घर-घर जा पहुंचा है। हर अस्पताल की ओपीडी में फ्लू के मरीज रिपोर्ट हो रहे हैं।
मगर, इस समय डॉक्टर के सामने सबसे बड़ी चुनौती है लक्षण को पहचानकर इलाज करना। क्योंकि कोरोना, स्वाइन फ्लू और मौसमी फ्लू के अधिकांश लक्षण एक जैसे ही हैं। जानकारी के मुताबिक स्वाइन फ्लू का जो मरीज वेंटिलेटर पर है, उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है। इलाज करने वाले डॉक्टर के मुताबिक मरीज को 3-4 दिन से सर्दी, जुखाम, बुखार और सांस फूलने की शिकायत थी। ऑक्सीजन कम हो रहा था। उधर, डॉक्टर अब फ्लू के संदिग्ध मरीजों का स्वाइन फ्लू और कोरोना टेस्ट करवा रहे हैं। बता दें कि रायपुर में स्वाइन फ्लू के मरीज 10 डिग्री से लेकर 44 डिग्री तापमान तक में मिल चुके हैं।
इन व्यक्तियों को सबसे ज्यादा खतरा
टीबी, एचआईवी, एनिमिया पीडि़त, बीपी, शुगर के मरीजों के साथ-साथ बुजुर्ग व्यक्तियों,गर्भवतियों व बच्चों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
सलाह- स्वास्थ्य विभाग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करें, जो सभी बीमारियों से बचाएगी। मास्क पहने, अनावश्यक घरों से न निकलें, भीड़-भाड़ में जाने से बचें, नियमित हाथ धोएं।
फ्लू और स्वाइन फ्लू के बारे में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं
स्वाइन फ्लू- स्वाइन फ्लू के मरीज मौसम बदलने या फिर कम तापमान में रिपोर्ट होते हैं। जो इस वक्त है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में खांसने, छींकने के जरिए यह वायरस तेजी से फैलता है। हालांकि कुछ सालों से कम मरीज मिलें हैं। मगर, खतरा है। सावधानी बरतना जरूरी है।
लक्षण- सर्दी, जुखाम, खांसी, नाक बहना,बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नींद न आना, थकान लगना, सांस उखडऩा, गला सूखना, सिर दर्द।
क्या करना है- मॉस्क का नियमित इस्तेमाल करें। सर्दी, जुखाम, खांसी होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं। दवा लें। खूब पानी पीएं। गर्म पानी पीएं। (- जैसा डॉ. आरके पंडा, विभागाध्यक्ष, टीबी एंड चेस्ट, आंबेडकर अस्पताल ने बताया)
मौसमी फ्लू- बीते कुछ दिनों से फ्लू के मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है। ओपीडी में जो मरीज आ रहे हैं, जिनमें लक्षण लगते हैं उनका कोरोना, स्वाइन फ्लू टेस्ट करवाया जा रहा है। सभी फ्लू के लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं। टेस्ट के जरिए ही वायरस की पहचान संभव हो पाती है।
लक्षण- सर्दी, खांसी, बुखार, सिरदर्द।
कितने समय तक रहता है- मौसमी फ्लू का असर 3-4 दिनों तक रहता है।
क्या करना है- साफ पानी पीएं। हाथों को धोते रहें। मुंह को ढंक कर रखे। इसके जरिए फ्लू को रोका जा सकता है। साथ ही घर के आस-पास पानी जमा न होने दें। टंकियों की सफाई करें। मच्छरों को पनपने न दें। इसके जरिए डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से भी बचाव संभव होगा। (- जैसा डॉ. अविनाश चतुर्वेदी, टीबी एंड चेस्ट रोग विशेषज्ञ ने बताया)
स्वास्थ्य विभाग प्रवक्ता एवं संचालक महामारी नियंत्रण कार्यक्रम के डॉ. सुभाष मिश्रा ने कहा, 2 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है।निजी अस्पतालों में भर्ती हैं, निगरानी रखी जा रही है। मौसम में परिवर्तन के कारण फ्लू के मरीज बढ़े हैं।
Published on:
01 Aug 2021 03:51 pm
बड़ी खबरें
View Allजगदलपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
