11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

56 वर्षो बाद बस्तर दशहरा में शामिल हुई बारसूर की दंतेश्वरी मावली माता

बारसूर . बारसूर नगर से पहली बार बस्तर दशहरा पर्व में शामिल हुई दंतेश्वरी मावली माता।बस्तर राजा प्रवीणचंद भंजदेव की गोलीकांड से लेकर अब तक बारसूर स्थित मावली माता ने बस्तर दशहरा पर्व में शामिल नहीं हुई थी लेकिन जब इस बारे में बस्तर राज परिवार के सदस्य कमलचंद बंजदेव को बारसूर वासियों के द्वारा मावली माता को बस्तर दशहरा पर्व में शामिल करने की मांग रखी तो कमलचंद बंजदेव द्वारा बारसूर में एक बैठक कर मावली माता को बस्तर दशहरा पर्व में शामिल होने की न्यैवता 2021 में देने पर इस बार बारसूर नगर की दंतेश्वर

less than 1 minute read
Google source verification
56 वर्षो बाद बस्तर दशहरा में शामिल हुई बारसूर की दंतेश्वरी मावली माता

दशहरा पर्व में शामिल होकर लौटने पर पर्यटन नगरी बारसूर में धूमधाम से स्वागत किया दंतेश्वरी मावली माता को


हर वर्ग के लोगों ने बस्तर दशहरा में शामिल होकर लौटने पर दंतेश्वरी मावली माता का किया पूजा पाठ

बस्तर दशहरा के मावली प्रगाव में शामिल होने के लिए ही मावली माता व दंतेश्वरी देवी दंतेवाड़ा की शामिल होने से दशहरा पर्व की रस्म शुरू किया जाता है। मावली माता को के मावली प्रगाव में शामिल किया गया है। बुजुर्ग का कहना है कि जब बस्तर राजा प्रवीणचंद बंजदेव हुआ करते थे तब बस्तर दशहरा के शुरूआत में ही बैल गाड़ी में सवार होकर बारसूर से मारडूम, चित्रकोट,लौहडीगुडा,बड़ाजी,होते हुए दंतेश्वरी मावली माता बस्तर दशहरा पर्व में मावली प्रगाव में शामिल हो जाती थी। लेकिन अब जिस दिन मावली प्रगाव किया जाता है और उसी दिन दोपहर माई दंतेश्वरी मावली को लेकर निकलर शाम तक 7बजे तक दशहरा में शामिल हो जाती हैं।56 वर्षो बाद जब बारसूर माता दंतेश्वरी मावली माता बस्तर दशहरा में शामिल होकर बारसूर नगर आगमन होने पर ग्रामीणों द्वारा जगह -जगह चौक चौराहों पर माई दंतेश्वरी मावली माता का पुजा पाठ करते भव्य स्वागत किया गया।और डोल नृत्य के साथ स्वागत किया।

बस्तर दशहरा में मावली माता के साथ सैकड़ों देवी देवता भी शामिल हुई है। वहीं बारसूर मंदिरों संघ के अध्यक्ष जगत सिंह पुजारी ने बताया कि राजा प्रवीणचंद बंजदेव की मृत्यु होने के बाद से लेकर पिछले 56 वर्षो से मावली माता की रुकावट हुई थी, लेकिन इस बार राज परिवार की तरफ से पुनः 56साल बाद बस्तर दशहरा में शामिल करने का न्यौता मिला तो आस पास के सैकड़ों देवी देवता के साथ बस्तर दशहरा पर्व में शामिल होकर सकुशल लौटे हैं।और आने वाले वर्षों में दशहरा पर्व में शामिल होकर लौटने के बाद बारसूर में विशाल मेला का आयोजन भी किया जाएगा, जो कि पहले भी इस परंपरागत तरीके से किया गया है, उसके अनुसार ही माता की रस्म निभाई जाएगी।