
CG Festival News: अक्षय नवमी का पर्व मंगलवार को श्रीश्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में हर्षोल्लास से मनाया गया। महिलाओं ने भगवान विष्णु का प्रतीक आंवला के पेड़ की पूजा अर्चन करने के बाद दान पुण्य किया और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। वहीं निर्धनों को अन्न, धन आदि का दान दिया गया। अक्षय नवमी पर्व को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह रहा।
अधिकांश महिला व पुरुषों ने सुबह स्नान करने के बाद आंवला के पेड़ के नीचे पूजन अर्चन किया। महिलाओं ने सुहाग के सामान सहित फल व फूल चढ़ाया। महिलाओं ने आंवला के वृक्ष में धागा बांधा और पूजा-अर्चना के साथ व्रत पूरा किया। नगर के श्रीश्री लक्ष्मी नारायण मंदिर सहित कई स्थानों पर अक्षय नवमी की पूजा आराधना की गई। यह तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से कई जन्म संवर जाते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवले की उत्पत्ति हुई थी। यह विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी का प्रिय वृक्ष है। इसलिए इस दिन को आंवला के वृक्ष की पूजा से त्रिदेव ब्रह्मा-विष्णु-महेश के साथ ही माता लक्ष्मी की भी अपार कृपा प्राप्त होती है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी ने बताया कि अक्षय नवमी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए भी कहा कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष को आंवले के वृक्ष की पूजा अर्चन व नीचे भोजन पकाकर खाने और दान पुण्य करने से अक्षय आयु व निरोग काया की प्राप्ति होती है।
Published on:
22 Nov 2023 01:59 pm
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