
कोरोना से लडऩे अहम साबित हो रहा आयुर्वेद, दक्षिण बस्तर आयुर्वेद डॉक्टरों की लगाई गई है ड्यूटी, जो इस तरह दे रहे सेवा
जिला मुख्यालय में 5 साल स्थापित आयुष पॉलीक्लीनिक में संचालित पंचकर्म चिकित्सा केंद्र के दिन बहुरने लगे हैं। अरसे बाद इस सेंटर को फिर से शुरू करने की तैयारी की गई है। कलेक्टर सोनी ने पॉलीक्लीनिक व पंचकर्म में उपलटब्ध संसाधन, स्टाफ की जानकारी के साथ ही इसे अपग्रेड करने के लिए प्रस्ताव मंगवाया है। जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ सरयू प्रसाद पटेल ने बताया कि पंचकर्म विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी होने के चलते सूरनार में पदस्थ डॉ जे पंडा को फिलहाल यहां बुला लिया गया है। पंचकर्म सहायक के तबादले पर चले जाने की वजह से खाली हुए पदों की जानकारी भेजी गई है।
कोरोना से लडऩे में अहम साबित हो रहा आयुर्वेद
कोराना संकट के दौरान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुर्वेद के कारगर होने की बात सामने आ चुकी है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने भी गाइड लाइन जारी कर औषधीय काढ़े का सेवन करने और जरूरी उपाय के जरिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने सलाह आम जनों को दी है। इस लिहाज से भारत की प्राचीन विधा आयुर्वेद का महत्व और भी बढ़ गया है। दंतेवाड़ा जिले में संचालित क्वारंटाइन सेंटरों में भी आयुष चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है और सेंटर में रखे गए लोगों को नियमित रूप से आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है।
Published on:
13 Jun 2020 01:18 pm
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