
बास्ता
Bastar's Bamboo Vegetable: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के ग्रामीण तरह-तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाते हैं। कम संसाधनों में भी बेहतर जीवन जीने की कला यहां के ग्रामीणों में देखी जाती है। बस्तर क्षेत्र अपने खान-पान, पहनावा और रहन-सहन के लिए काफी प्रसिद्ध है।
खाने की बात करें तो इसके लिए भी यह अन्य जगहों से बहुत भिन्न है। स्वाद के साथ ही यहां के आहार स्वास्थय के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। लेकिन आज हम आपको बस्तर में खाई जाने वाली एक खास तरह की सब्जी में बताने जा रहे हैं। यह है बांस करील की सब्जी।
बस्तर में पहले जंगलों की सब्जियों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है। यहाँ के जंगलों में बहुत से ऐसे पौधे मिलते हैं जिन्हे आदिवासी सब्जियों के रूप में उपयोग में लाते हैं। बांस का पौधा इनमें से एक है। इसे बास्ता या करील भी कहते हैं। यह बांस का अंकुरित पौधा होता है जिसे बस्तर के लोग बड़े ही चाव से सब्जी बनाकर खाते हैं। बांस के ये नए पौधे (बास्ता), सफेद रंग के होते हैं। हर साल ये पौधे जून से अगस्त के महीनों में आते हैं।
कई पोषक तत्व
बास्ता( बांस के अंकुर)में विटामिन जैसे विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन बी 6, थियामिन, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस, प्रोटीन,अमीनो एसिड,मैंगनीज ,तांबे ,कार्बोहाइड्रेट और कई महत्वपूर्ण खनिज होते हैं। इसमें वसा की मात्रा काफी कम होती है।
बांस करील खाने के फायदे:
वजन
यदि आप अपना मोटापा कम करना चाहते हैं तो बांस करील अवश्य खाइए। यह कम कैलोरी का होता है। इसे खाने के बाद आपको आपका पेट भरा हुआ लगेगा। यह वजन कम करने में मदद करता है। बांस करील में Phytosterols पाया जाता है जो आपके शरीर में खराब LDL Cholesterol को कम करने में सहायता करता है।
स्वस्थ दिल
करील हृदय को कई तरह की बीमारियों से बचाता है। यह फाइटोस्टेरॉल्स (Phytonutrients)और फाइटोन्यूट्रिएंट्स(Phytosterols) से भरी हुई होती है। यह अच्छा कोलेस्ट्रॉल बनाए रखने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली(Immune System) को मजबूत करता है और हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता करता है।
सर्दी -खासी
बांस करील मानसून और सर्दियों की शुरुआत में वायरल और बैक्टीरिया के संक्रमण से दूर करने में सहायक होता है। यदि आपको फ्लू के लक्षण जैसे सर्दी खासी हो तो इनसे बचने के लिए करील आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को बड़ाने में मदद करता है।
कफ को बाहर निकालने में सहायक
करील में मौजूद विटामिन और अन्य यौगिकों फेफड़ों को मजबूत बनाने में सहायक होती है। फेफड़ों से कफ को बाहर निकालने के लिए, गर्म पानी में धोया हुआ करील को उबालें। इसे ठंडा करें और शहद के साथ मिलाएं। इसे दो बार पिएं क्योंकि यह एक प्राकृतिक एक्सपेक्टोरेंट का काम करता है।
विषाक्तता
आयुर्वेदिक चिकित्सा में बांस के अर्क का प्रयोग इस विश्वास के साथ किया जाता है कि इसमें एंटी-वेनोमस गुण होते हैं। इसका उपयोग बिच्छू और सांप के काटने के इलाज के लिए किया जाता है।
अल्सर में सहायक
करील में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो अल्सर जैसी स्थितियों से राहत दिलाने में सहायक होता है। इसके साथ करील का उपयोग घावों और घावों को साफ करने के लिए भी किया जाता है।
कैंसर
करील में फेनोलिक(phenolic) यौगिकों के साथ पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट(antioxidants) पाया जाता है जो कैंसर विरोधी गुणों के लिए जाना जाता है । यह कैंसर के खतरे को कम करने में सहायक होता है।
Published on:
03 Dec 2022 01:29 pm
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