
CG Education: नैक की ग्रेडिंग के लिए जद्दोजहद करने वाले यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के लिए अच्छी खबर है। नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल (नैक) में बड़ा बदलाव हुआ है जिसके बाद अब यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को नैक से पहले की तरह ए, बी, सी के रूप में ग्रेडिंग नहीं मिलेगी। अब नैक के (CG Education) मूल्यांकन के बाद संस्थान एक्रिडिएटेड और नॉन एक्रिडिएटेड कहलाएंगे। अगर किसी संस्थान का मूल्यांकन नैक कर लेगा तो एक्रिडिएटेड की श्रेणी में आ जाएगा।
बस्तर संभाग के इकलौते विश्वविद्यालय शहीद महेंद्र कर्मा विवि समेत इससे संबद्ध 53 कॉलेजों में नई प्रणाली लागू होगी। अभी बस्तर की इन संस्थाओं को नैक की ग्रेडिंग मिली हुई है। वहीं कई ऐसे कॉलेज भी हैं जहां अब तक नैक की ग्रेडिंग नहीं हो पाई है। अब जहां नैक की ग्रेडिंग हुई है और जहां नहीं हुई है सभी नई प्रणाली के अनुसार ही नैक से मूल्यांकन करवाएंगे और एक्रिडिएटेड कहलाएंगे।
इस बड़े बदलाव को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हुए बड़े बदलाव में से एक माना जा रहा है। दरअसल पहले जब भी किसी संस्थान को नैक से खराब ग्रेडिंग मिलती थी तो उसकी छवि छात्रों के बीच खराब होती थी। छात्र ग्रेडिंग को एडमिशन का मापदंड मानते थे। नई शिक्षा नीति के निर्माण के वक्त यह बात सामने आई (CG Education) और यह तय किया गया कि सभी संस्थान को ग्रेडिंग प्रणाली से अलग किया जाए ताकि किसी भी संस्थान में ग्रेडिंग की वजह से एडमिशन व अध्यापन का काम प्रभावित ना हो।
नैक यूजीसी का एक हिस्सा है. इसका काम देशभर के विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों, निजी संस्थानों में गुणवत्ता को परखना है। पहले नैक इसी आधार पर रेटिंग देती थी, लेकिन अब वह एक्रिडिएशन देगी। यानी सिर्फ मान्यता देगी। यूजीसी की नई गाइडलाइन के तहत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिएशन काउंसिल से मान्यता प्राप्त करना जरूरी है। अगर किसी संस्थान ने इसकी मान्यता (CG Education) नहीं ली है तो उसे किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। नई प्रणाली के बाद कॉलेज नैक की मान्यता लेकर सरकार से मिलने वाले विशेष फंड प्राप्त कर सकते हैं, जिनसे संस्थाओं का समुचित विकास होगा।
Published on:
18 Jun 2024 02:18 pm
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