31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG News: मार्च में 200 करोड़ रुपए का बजट हुआ पूरा, पूंजीगत परियोजनाओं पर रहा फोकस…

CG News: इस बार सबसे अच्छी बात रही कि किसी भी विभाग में विकास के लिए आए पैसे वापस नहीं गए। ट्रेजरी विभाग के अधिकारी संजय सोनवानी ने बताया कि इस बार मार्च महीने को लेकर उन्होंने पहले से ही तैयारियां कर रखी थी।

2 min read
Google source verification
विभागों की मनमर्जी नहीं… अब असर से तय होगा बजट! (photo-patrika)

विभागों की मनमर्जी नहीं… अब असर से तय होगा बजट! (photo-patrika)

CG News: वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम माह मार्च में बस्तर के कोषागार ने लगभग 200 करोड़ रुपए के बजट का सुव्यवस्थित उपयोग किया। इस दौरान जिला पंचायत को सबसे अधिक 35 करोड़ रुपए आवंटित किए गए, जबकि ट्राइबल समेत अन्य विभागों को भी अंतिम दिन तक धनराशि मिलती रही। वित्त विभाग की पूर्व तैयारी और दैनिक समीक्षा के चलते इस बार सर्वर गड़बड़ी या तकनीकी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा।

CG News: किसी भी विभाग की राशि वापस नहीं

इस बार सबसे अच्छी बात रही कि किसी भी विभाग में विकास के लिए आए पैसे वापस नहीं गए। ट्रेजरी विभाग के अधिकारी संजय सोनवानी ने बताया कि इस बार मार्च महीने को लेकर उन्होंने पहले से ही तैयारियां कर रखी थी। जिसके चलते ट्रेजरी में बिलों को लेकर किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। हां अंतिम दिनों में सभी कर्मचारी देर रात तक जरूर काम करते रहे। वहीं किसी भी विभाग का पैसा तकनीकी और न हीं अन्य कारणों से वापस गया।

यह भी पढ़ें: CG News: बजट में बड़ी सौगात, छत्तीसगढ़ को मिलेंगे 5054 करोड़ रुपए ज्यादा

200 करोड़ के बिल ड्रॉ

जिले में मार्च महीने में विभिन्न विभागों ने लगभग 200 करोड़ रुपये के बिल ड्रॉ किए। यह राशि मुख्य रूप से जिला पंचायत, ट्राइबल डिपार्टमेंट और शिक्षा विभाग के लिए थी।

तकनीकी तैयारी

CG News: वित्तीय वर्ष के अंत में बजट व्यय का दबाव आमतौर पर सर्वर की गति और तकनीकी खामियों को उजागर करता है। लेकिन इस बार वित्त विभाग ने पहले से ही डिजिटल व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखा, जिससे ऑनलाइन लेनदेन पूरी हो सकी। मार्च माह में मुख्य रूप से पूंजीगत परिसंपत्तियों के लिए स्वीकृत बजट का उपयोग किया गया। जिला पंचायत, आदिवासी कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग प्रमुख लाभार्थी रहे।

इस वर्ष किसी भी विभाग का बजट वापस नहीं लौटा, जो पिछले वर्षों के मुकाबले एक उल्लेखनीय सुधार है। कोषागार अधिकारियों के अनुसार, हर दिन बिलों की समीक्षा कर उन्हें तुरंत दूर करने की प्रक्रिया अपनाई गई, जिससे धनराशि का समय पर भुगतान सुनिश्चित हुआ।