
रागी को मिला दाम (Photo source- Patrika)
CG News: केंद्र सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में की गई वृद्धि से बस्तर अंचल के किसानों में नई उमीद जगी है। रागी पर 13.09 प्रतिशत यानी 596 रुपए की वृद्धि के साथ इसका एमएसपी अब 4,886 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।
वहीं परंपरागत फसल धान पर भी 69 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि रागी, तिलहन और मोटे अनाजों की फसलों को बढ़ावा देने से बस्तर अंचल में फसल विविधीकरण को बल मिलेगा। इससे एक ओर किसानों की आय बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर पोषण सुरक्षा और मृदा स्वास्थ्य में भी सुधार होगा।
सरकार द्वारा चलाई जा रही 'मिलेट मिशन' योजना का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। किसान अब धान की जगह रागी, कोदो और कुटकी जैसी पारंपरिक फसलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जिले में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग 1500 हेक्टेयर अधिक क्षेत्र में रागी की बुआई का लक्ष्य तय किया गया है।
धनेश कश्यप, किसान सेमरा: पिछले साल मैंने एक एकड़ में रागी लगाई थी। इस बार एमएसपी बढ़ने से दो एकड़ में बुआई करूंगा। रागी की खेती में खर्च कम है और अब दाम भी अच्छे मिलेंगे।
मोहन नेताम, किसान कुरंदी: सरकारी योजना और सहायता से रागी की खेती करना आसान हो गया है। अगर खरीदी की सुविधाओं में बढ़ोतरी हो तो और भी किसान इसमें आगे आएंगी।
कमलू मरकाम, किसान माडपाल: धान की खेती में पानी और मेहनत बहुत ज्यादा लगती है। अब रागी और कोदो की ओर रुख कर रहा हूं क्योंकि अब इनका भी दाम अच्छा मिल रहा है।
CG News: किसान संगठनों ने कहा है कि एमएसपी में वृद्धि तब सार्थक होगी जब खरीदी की व्यवस्था सुदृढ़ होगी। आगामी खरीफ विपणन सीजन जुलाई 2025 से शुरू होगा, जिसमें रागी, कोदो-कुटकी और तिलहन फसलों की खरीदी के लिए तैयारियां की जा रही हैं।
राजीव श्रीवास्तव, उप संचालक कृषि: बस्तर के कई विकासखंडों में रागी की खेती का रकबा लगातार बढ़ रहा है। एमएसपी में हुई वृद्धि से किसानों का उत्साह बढ़ेगा। हम उन्हें बीज, तकनीकी मार्गदर्शन और ऋण सहायता प्रदान कर रहे हैं ताकि वे रागी और अन्य मोटे अनाजों की ओर शिट कर सकें।
Published on:
30 May 2025 01:00 pm
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