
CG News: एनएमडीसी के केंद्रीय भंडार विभाग की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर लाखों रुपए के स्क्रेप चोरी करने के मामले में पुलिस ने कर्मचारियों से बयान लेना शुरू कर दिया है। इस मामले में जल्द ही बड़ा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है।
पिछले अगस्त महीने में हुए ई-ऑक्शन में मेसर्स मनीष स्टील भिलाई के मनोज कुमार जैन ने सबसे अधिक बोली लगाकर लगभग 2000 टन स्क्रेप खरीदा था। जिसमें से 80 प्रतिशत माल सैकड़ो ट्रकों में भरकर निकाला जा चुका है। अब बस कुछ ही टन माल बचा था। हाथी निकल गई बस पूंछ अटक गया कहावत को चरितार्थ करते हुए अंतिम समय में चोरी का खुलासा हो गया।
दरअसल, एनएमडीसी हर साल कबाड़, वाहनों, मशीनरी, कन्वेयर बेल्ट और मैंगनीज जैसे सामग्रियों की नीलामी करती है। जिसके लिए पहले ऑफलाइन बोली लगाई जाती थी खुले तौर पर बोली लगने पर बोलिदारों द्वारा रिंग बनाकर एनएमडीसी के करोड़ों के माल को कौड़ियों के दाम खरीद लिया जाता था और बाहर उसे बेचकर खरीददार 10 से 15 गुना लाभ कमाते थे।
इसके चलते एनएमडीसी ने ऑनलाइन बिडिंग की व्यवस्था की जिसमें अब बोलिदार अधिक से अधिक बोली लगाकर माल खरीदता तो है पर मनीष स्टील की तरह सीआईएसएफ, एनएमडीसी के स्टोर इंचार्ज, कांटा इंचार्ज और डीलिंग क्लर्क जैसे जिम्मेदार, अधिकारी कर्मचारियों के आंखों में धूल झोंककर तय सीमा से अधिक माल चुराकर ले जाते है।
बचेली थाना प्रभारी, मधुनाथ ध्रुव ने बताया कि हमारे पास मामला पहुंचने के केवल 5 दिन हुए हैं। हम जांच कर रहे हैं और जल्द ही बड़ा खुलासा करेंगे।
CG News: इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है। पुलिस ने मामले से जुड़े सभी कर्मचारियों से बयान लिए हैं। हालांकि, 13 दिन बाद भी घटना के संबंध में अभी तक केवल एनएमडीसी की जांच समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर ही पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। इस मामले में जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ेगी, एनएमडीसी के सुरक्षा और नीलामी प्रक्रिया में गंभीर चूक के मामलों की परतें खुलने की संभावना है।
Updated on:
26 Nov 2024 07:59 pm
Published on:
26 Nov 2024 07:25 pm
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