7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG News: यह खून-खराबा बंद हो… जल्द मिलना चाहिए न्याय, पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट के वकील को सुनाई व्यथा, हर किसी की आंखें हुईं नम

Jagdalpur News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासियोंं की हत्याएं व महिलाओं से बलात्कार होने की खबरें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर घटनाएं बाहर तक नहीं आ पाती हैं। इसी कड़ी में पीड़ितों ने यह सारी बातें सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील कोलिन गोंसाल्वेस समेत समाजिक संगठन पीयूसीएल के सदस्यों को सुनाई।

2 min read
Google source verification
Chhattisgarh News

CG News: बस्तर में आदिवासियोंं की हत्याएं व महिलाओं से बलात्कार होने की खबरें सुर्खियों में रहती हैं। हालांकि अंदरुनी इलाकों में इनमें से ज्यादातर घटनाएं बाहर तक नहीं आ पाती हैं। इन घटनाओं की पीडि़तों व प्रत्यक्षदर्शियों ने रविवार को अपनी आपबीती जागरूक जनों के सामने मंच पर सुनाई तो सबकी आंखे नम हो गई।

एक निजी होटल में हुए आयोजन में कोई अपनी बहन को न्याय दिलाने पहुंचा तो किसी ने अपनी बेटी की मौत का खौफनाक कहानी बताई। यह सारी बातें सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील कोलिन गोंसाल्वेस समेत समाजिक संगठन पीयूसीएल के सदस्यों ने पूरी गंभीरता से सुनीं।

इन जानकारियों को पीयूसीएल टीम ने वीडियो डॉक्यूमेंट में भी इकट्ठा किया है। बताया जा रहा है कि इन सारे फैक्ट के आधार पर आने वाले समय में पीडि़तों को न्याय दिलाने में सहायता मिलेगी। इधर मंच के सामने पहुंचे आदिवासियों ने कहा कि बस्तर में तीन दशक से जारी खूनखराबा बंद होना चाहिए। इसमें हर तरफ से आदिवासी ही मारा जा रहा है। उसकी जिंदगी खतरे में है।

यह भी पढ़े: Amit Shah: अब दिखेगा छत्तीसगढ़ में योगी वाला एक्शन, नशे का धंधा किया तो संपत्ति होगी जब्त

दो दिन में करीब 25 पीडि़तों ने दर्ज कराए अपने-अपने बयान

जगदलपुर के एक निजी हॉटल में चल रही पिछले दो दिन से परिचर्चा व जनसुनवाई चल रही है। पीडि़तों के बयानों की वीडियो रिकार्डिंग की जा रही है। बताया जा रहा है कि इन दो दिनों में करीब 40 लोगों ने अपनी आपबीती दर्ज कराई है। इसमें पीडिय़ा, इत्तेवार, करचोली जैसी घटना के पीडि़त शामिल हैं। पीडि़त परिवारों ने कहा कि अपनों को खाेने के बाद न्याय के लिए वे दर-दर भटक रहे हैं। सरकार सुन नहीं रहीं है और आदिवासी बेमौत मारे जा रहे हैं।

दंतेवाड़ा और सुकमा के पीडि़तों को पुलिस ने रोका

मिली जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम में रिटायर्ड जज एके पटनायक भी शामिल होने वाले थे। लेकिन किसी कारण से वे इसमे शामिल नहीं हो पाए। सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी ने बताया कि इस कार्यक्रम को उन्होंने बेहद गोपनीय रखा था क्योंकि उन्हें शक था कि पुलिस को पता चलने पर वह इसे निर्बाध रूप से नहीं होने देगी। हुआ भी ऐसा ही।

बड़ी संख्या में लोग बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, कोंडगांव और बस्तर से आने वाले थे। लेकिन पुलिस ने काफी लोगों को रोक दिया। दंतेवाड़ा और सुकमा जिले से काफी लोगों को आने नहीं दिया। इंद्रावती के पार माड़ इलाके के भी काफी लोग इस कार्यक्रम में आकर अपनी आपबीती नहीं सुना सके।

यहां देखें इससे संबंधित खबरें

1. पूर्व कलेक्टर, SDM-SDO सहित आधा दर्जन अफसरों को नोटिस, हाईकोर्ट ने उठाया सख्त कदम

बिलासपुर हाईकोर्ट ने पूर्व कलेक्टर सहित आधा दर्जन अधिकारियों को नोटिस भेजा है। मामला दो किसानों की जमीन बगैर अधिग्रहण किए उस पर सड़क बनाने से जुड़ा हुआ है। हाई कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना का दोषी ठहराया है। यहां पढ़ें पूरी खबर…

2. जवान को नौकरी से बर्खास्त किया, फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति, CIFS के DG सहित 4 को नोटिस

याचिकाकर्ता को 17 मार्च 2023 को सीआईएसएफ एसईसीएल यूनिट के कमांडेंट ने अनुशासनहीनता का प्रकरण विचारण में होना बता कर निलंबित कर दिया..यहां पढ़ें पूरी खबर…