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CG Politics: इंद्रावती जोरा नाला विवाद पर बीजद के नेता ने किया विरोध, छत्तीसगढ़ की दादागिरी नहीं चलेगी के लगाए नारे

CG Politics: पिछले दिनों ओडिशा और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच तय अनुबंध के तहत जोरानाला के पानी को दोनों राज्यों में 50-50 फीसदी बांटने पर सहमति बनी थी...

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CG Politics: इंद्रावती जोरा नाला विवाद पर बीजद के नेता ने किया विरोध, छत्तीसगढ़ की दादागिरी नहीं चलेगी के लगाए नारे

CG Politics: पिछले दिनों ओडिशा और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच तय अनुबंध के तहत जोरानाला के पानी को दोनों राज्यों में 50-50 फीसदी बांटने पर सहमति बनी थी, लेकिन इंद्रावती नदी में पानी नहीं पहुंच रहा था। इस समस्या को दूर करने के लिए ओडिशा सरकार ने जोरा नाला में बोरी बंधान करवाई थी। जिसका अब ओड़िशा की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल ने विरोध किया है।

रविवार को बड़ी संख्या में बीजू जनता दल के नेता और कार्यकर्ता जोरानाला पहुंचे और प्रदर्शन किया। उन्होंने ’’छत्तीसगढ़ की दादागिरी नहीं चलेगी’’ जैसे नारे लगाए और राज्य सरकार पर जल अधिकार से वंचित करने का आरोप लगाया।

गौरतलब है कि बस्तर के किसानों की मांग को लेकर इंद्रावती नदी बचाओ संघर्ष समिति लगातार आंदोलन कर रही है। पानी के लिए अब तक सड़क जाम कर सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाया था। जिसके बाद दोनों सरकारों ने किसानों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए जोरानाला के पानी को इंद्रावती नदी में डायवर्ट करने का फैसला लिया।

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इसके तहत सीमेंट की बोरियों में रेत भरकर बोरी बंधान किया जा रहा था, लेकिन इसकी जानकारी मिलते ही बीजू जनता दल के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में यहां विरोध करने पहुंच गए। यहां पर बीजू जनता दल के कार्यकर्ताओं ने बैनर-पोस्टर के साथ प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों को गलत बताया और जल अधिकार की मांग उठाई।

बोरी बंधान से इंद्रावती नदी में जल प्रवाह बढ़ा है

दरअसल जोरानाला की ओर इंद्रावती नदी का अधिकांश पानी प्रवाहित हो जाता है, इसे रोकने के रेत को बोरियों में भरकर बहने वाले पानी का रोकने प्रयास किया जा रहा था। यह कारगर साबित हुआ इंद्रावती नदी में पानी का प्रवाह बढ़ गया था, लेकिन यह बीजू जनता दल को रास नहीं आया और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।

बीजेडी के इसी रवैये की वजह से बस्तर को नहीं मिलता था पानी

सालों तक ओडिशा में बीजू जनता दल की सरकार काबिज रही। छत्तीसगढ़ की सभी सरकारों ने उस दौरान बीजेडी सरकार से बस्तर के हिस्से का पानी मांगा लेकिन तब की ओडिशा सरकार इसके लिए राजी नहीं होती थी। अब जब ओडिशा में भाजपा की सरकार बनी तो छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने उनसे बातचीत की समस्या का हल निकाला। अब बीजेडी फिर इस मामले में अड़ंगा लगा रही है।