
बस्तर संभाग में 1600 स्कूल हो जाएंगे बंद ( File Photo - Patrika )
CG School Open: नए शिक्षा सत्र की शुरुआत सोमवार से हो रही है। सरकारी स्कूलों में पहले दिन शाला प्रवेशोत्सव का आयोजन किया जाता है लेकिन इस साल स्कूलों के शिक्षक युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में उलझे हुए हैं। उन्हेें अतिशेष बताते हुए नए स्कूलों में भेज दिया गया है लेकिन ऐसे कई शिक्षक हैं जो इसका विरोध कर रहे हैं। संभाग के सैकड़ों ऐसे शिक्षक भी हैं जो इस नीति और प्रक्रिया के विरोध में हाईकोर्ट तक भी पहुंच गए हैं।
शिक्षकों की अलग-अलग याचिकाओं में एक ही बात कही गई है कि नीति के तहत गलत तरीके से उन्हें स्कूलों में भेजा गया है। वरिष्ठ और कनिष्ठ शिक्षकों की पदस्थापना पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्रदेश में छात्र- शिक्षक के अनुपात को दुरुस्त करने राज्य सरकार ने युक्तियुक्तकरण और स्कूलों को मर्ज करने का कठोर निर्णय लिया। अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना ऐसे स्कूलों में की गई, जहां शिक्षकों की कमी थी।
इस निर्णय से जाहिर है कि प्रदेश में स्कूली शिक्षा की स्थिति बेहतर होगी, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसे शिक्षक जिन्होंने प्रक्रिया के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई है उनके लिए कोर्ट ने आदेश दिया है कि वे जिला स्तरीय समिति के सामने पहले आवेदन दें। इसके बाद समिति को शिक्षकों का पक्ष सुनना होगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि शिक्षा विभाग को शिक्षकों का पक्ष सुनना चाहिए।
प्रक्रिया को एक तरफ शिक्षक कोर्ट में चैलेंज कर रहे हैं तो दूसरी ओर शिक्षक संगठन भी इसे लेकर लामबंद हैं। उनका कहना है कि नीति के प्रावधानों का पहले से विरोध किया जा रहा था। उसे दरकिनार करते हुए अतिशेष शिक्षकों की सूची इस तरह से बनाई गई जो कि कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। रिटायरमेंट के करीब जो शिक्षक हैं उन्हें भी दूरस्थ स्थानों पर भेज दिया गया। प्रक्रिया की अन्य खामियों को भी संगठन उजागर कर चुके हैं।
जिले के सभी सरकारी स्कूलों में इस बार युक्तियुक्तकरण की वजह से तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। जिन शिक्षकों ने अतिशेष सूची के आधार पर ज्वाइनिंग ले ली है वह भी परेशान हैं और जिन्होंने नहीं ली है वह भी कोर्ट के आदेश के अनुसार जिला स्तरीय समिति से राहत मिलने की उमीद लगाए बैठे हैं। इस तरह के माहौल में स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव का कार्यक्रम प्रभावित होगा।
हाई कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं को जिला ला स्तरीय समिति में अभ्यावेदन देने के निर्देश देते हुए याचिका निराकृत कर दी है। समिति को तीन दिनों में संबंधित शिक्षकों का पक्ष सुनने के बाद अभ्यावेदन का निराकरण करने को कहा गया है। बता दें कि कलेक्टर जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष हैं। नगर निगम आयुक्त, जिला पंचायत के सीईओ और जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सदस्य हैं। संबंधित जिला शिक्षाधिकारी को सचिव की जिमेदारी दी गई है।
Updated on:
15 Jun 2025 01:33 pm
Published on:
15 Jun 2025 01:30 pm
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