
CG Tourism: कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित कैलाश गुफा इन दिनों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। कुटुमसर गुफा के लिए कामानार नाका में पर्यटकों के लिए टिकट व जिप्सी उपलब्ध कराने के लिए काउंटर खोले जाने का विरोध स्वरूप विकल्प के तौर पर कैलाश गुफा को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है।
इससे कांगेर वैली पहुंचने वाले पर्यटकों को कुटुमसर के बजाय कैलाश गुफा दिखाया जा रहा है जिस पर्यटकों में उत्साह देखा जा रहा है। गौरतलब है कि विश्व प्रसिद्ध कुटुमसर गुफा को 1 नवंबर को पर्यटकों के लिए खोला गया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण इसे संचालित नहीं किया जा सका और कई पर्यटकों को निराश होकर लौटना पड़ा।
CG Tourism: कांगेर वैली स्थित कैलाश गुफा अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और विशिष्ट संरचना के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटकों को यहां एक नया अनुभव मिल रहा है, और दो दिनों में 240 से अधिक पर्यटक इस गुफा का भ्रमण कर चुके हैं। इस दौरान 40 से अधिक जिप्सी वाहनों की बुकिंग की गई। पार्क निदेशक चूड़ामणि सिंह ने कहा कि कुटुमसर में ग्रामीणों के विरोध के कारण कैलाश गुफा को पर्यटकों के लिए खोला गया है।
इस गुफा की अनोखी प्राकृतिक संरचना पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है, और उन्हें एक विशेष अनुभव प्रदान कर रही है। कांगेर घाटी प्रबंधन ने इसके लिए जिप्सी सेवा उपलब्ध है, जिससे पर्यटक आसानी से बुक कर इस गुफा का भ्रमण कर सकते हैं।
कैलाश गुफा की खोज कांकेर राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत 22 मार्च 1993 को कृष्ण अवतार, पार्क परिक्षेत्र अधिकारी रोशनलाल साहू, गेम सुपरवाइजर आर यादव, गेम रक्षक सोनसाय, राजाराम शिवहरे, सीताराम चौकीदार ने खोज की।
गुफा के अंदर स्लेटमाइट व् स्लेटराइट के स्तम्ब बने हुए है जो गुफा की शोभा बढ़ाते है, ये स्तम्भ देखने में चमकदार व् कई आकृति में बने हुए है।
गुफा के अंदर तिन हॉल है, जिसके अंदर हजारो लोग एक साथ आ सकते है, इस गुफा की शोभा संगीत कक्ष बढाती है, कक्ष में स्लेट माइट से पत्थर से संगीत की आवाज आती है जो पर्यटको के लिए एक अचंभित करने जैसा है।
Updated on:
06 Nov 2024 02:52 pm
Published on:
06 Nov 2024 02:50 pm
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