7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG Tourism: सैलानियाें के लिए बड़ी खुशखबरी, इस दिन कर सकेगें कोटमसर गुफा का दीदार, अभी भी भरा हुआ है पानी…

Jagdalpur News: कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित कुटुमसर गुफा को देखने के शौकीन सैलानियों को इस साल थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. हर साल 1 अक्टूबर को गुफा खोली जाती है, लेकिन इस बार इसकी तिथि बढ़ा दी गई है।

2 min read
Google source verification
CG Tourism

CG Tourism: रहस्य और रोमांच से भरपूर कुटुमसर गुफा पूरे 115 दिनों बाद 10 अक्टूबर को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक चूड़ामणि सिंग ने बताया कि बारिश अधिक होने ओर पानी भरा होेने के वजह से इस बार 1 अक्टूबर को खुलने वाला कोटमसर गुफा आगामी 10 अक्टूबर को खुलने की संभावना है।

फिलहाल गुफा की सफाई और पानी की मात्रा कम होने का इंतजार किया जा रहा है। यहां पर पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर जीव जंतुओं की मौजूदगी का पता लगाया जा रहा है ताकि भीतर आने वाले सैलानियों को गुफा देखने के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न हो।

यह भी पढ़े: इतनी बार मंदिर जाते तो भगवान दे देते दर्शन, दंडवत कर कलेक्टोरेट पहुंचे दंपती, जानिए वजह

15 जून को बंद हो जाती है गुफा

CG Tourism: कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित कुटुमसर गुफा मानसून के आते हीे बंद कर दिया जाता हैँ। यही वजह है कि सैलानी 15 जून से 1 अक्टूबर तक इसे नहीं देख पाते हैँ। गौरतलब है कि बारिश के दिनों में गुफा के भीतर बरसात का पानी किसी नदी की तरह बहती है जो हर किसी के लिए जानलेवा होती है। बारिश के बाद गुफा खोलने से पहले बारिश से भीतर होने वाले बदलाव और अन्य बाधाओं को दूर कर सैलानियों के लिए पुन: खोल दिया जाता है।

आने वाले 10 अक्टूबर को कुटुमसर गुफा के द्वार खोलने की तैयारी की जा रही है। अधिक बारिश के चलते इस वर्ष इसे प्रारंभ करने में देरी हुई है। फिलहाल गुफा के भीतर स्थानीय गाइड और ग्रामीणों द्वारा सैलानियों के लिए साफ सफाई का काम जारी है।

शोधकर्ताओं को भी करती है आकर्षित

कुटुमसर गुफा न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह भूगर्भीय और जीववैज्ञानिक अनुसंधान के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह पर्यटकों और शोधकर्ताओं (CG Tourism) को आकर्षित करती है जो इसके अद्वितीय स्वरूप और जीवों का अध्ययन करने के लिए यहाँ आते हैं।