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Chitrakot Waterfall: चित्रकोट पर्यटन स्थल पर लगा ताला, अचानक बंद की घोषणा से लोगों में छाई मायूसी, जानें वजह

Chitrakot Waterfall: बस्तर विकास प्राधिकरण की दो घंटे की बैठक ने विश्व प्रसिद्ध प्रपात पर ताला लगा दिया है। ऐसे में बस्तर देखने पहुंचने वाले लोग टूरिज्म के पीक सीजन के दौरान बंद देख मायूम होकर लौटेंगे..

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Bastar Chitrakote Waterfall closed

Bastar Chitrakot Waterfall closed: बस्तर के टूरिज्म का पीक सीजन अक्टूबर से फरवरी तक माना जाता है। इस दौरान लाखों पर्यटक बस्तर पहुंचकर यहां प्राकृतिक नजारों का दीदार करते हैं। इस दौरान विश्व प्रसिद्ध चित्रकोट जल प्रपात टूरिस्ट का हॉट स्पॉट होता है। इसे देखने देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। अब इसी चित्रकोट जल प्रपात को दो दिनों के लिए बंद किया जा रहा है।

Chitrakot Waterfall: ऐसा पहली बार हुआ..

Chitrakot Waterfall: ऐसा पहली बार हो रहा है जब प्रपात को बंद किया जा रहा है। दरअसल 18 नवंबर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में चित्रकोट में बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक होनी है। इसी दो घंटे की बैठक के लिए प्रपात को दो दिनों के लिए बंद किया जा रहा है। प्रशासन ने शुक्रवार को प्रपात बंद किए जाने की जो सूचना जारी की उसके अनुसार 17 और 18 नवंबर को प्रपात तक पर्यटकों की आवाजाही बंद रहेगी।

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टूरिज्म के पीक सीजन में पर्यटकों के लिए प्रपात को बंद किए जाने के फैसले पर अब सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि क्या बैठक कहीं और नहीं हो सकती थी। चित्रकोट में ही बैठक क्यों रखी गई। यहां बैठक होने से किसे और क्या फायदा होगा।

17 को रविवार इस दिन ज्यादा भीड़

17 और 18 नवंबर को प्रपात बंद रखने की सूचना जारी की गई है। 17 को रविवार है और इस दिन स्थानीय पर्यटकों के साथ ही बाहरी पर्यटक बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। अब जब रविवार को पर्यटक यहां आएंगे तो उन्हें निराश होकर यहां से लौटना पड़ेगा। यहां एक विशाल डोम तैयार किया गया है जहां पर बैठक होगी। शायद सीएम को कुछ देर के लिए प्रपात दिखाने यह पूरी कवायद अफसरों ने की है। इस फैसले से आम लोगों को कितना नुकसान होगा इसकी परवाह बिल्कुल भी नहीं की गई।

कोटमसर पखवाड़ेभर से बंद, अब चित्रकोट को भी बंद कर दिया

एक तरफ प्रशासन पखवाड़ेभर से बंद कोटमसर गुफा का समाधान नहीं निकाल पाया है और दूसरी तरफ चित्रकोट को दो दिन के लिए बंद करने जा रहा है। बस्तर के पर्यटन के लिए काम कर रहे लोगों का कहना है कि चंद अफसरों के फैसले की वजह से पर्यटन केंद्रों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। ऐसी परंपरा भविष्य के लिए घातक साबित होगी।

जिनका शेड्यूल तय उनका क्या होगा

इन दिनों पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र और तेलंगाना से बड़ी संख्या में पर्यटक चित्रकोट जल प्रपात पहुंच रहे हैं। इन्हीं पर्यटकों में से कइयों का शेड्यूल पहले से 17 और 18 तारीख का तय होगा। उनकी होटल बुकिंग से लेकर तमाम तैयारी हो चुकी होगी। जब वे यहां आएंगे तो उन्हें निराशा हाथ लगेगी। पर्यटकों को होने वाले नुकसान की भरपाई अब कौन करेगा।